डीएनए हिंदी: उत्तर भारत में पिछले कई दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है. इसका असर राजधानी दिल्ली में भी दिख रहा है. यमुना नदी उफान पर है और राजधानी बाढ़ की चपेट में है जिसके चलते राहत बचाव के लिए भारतीय सेना तक को उतारना पड़ा है. कुछ ऐसी ही बाढ़ का प्रकोप पंजाब में भी आया है. यहां पाकिस्तान सीमा से सटे कई गांव भी बाढ़ से भी प्रभावित हैं और इसके चलते बीएसएफ के जवानों को नाव से पेट्रोलिंग करनी पड़ रही है. वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए पंजाब के सीएम भगवंत मान की नाव डूबने से बाल-बाल बची है. हिमाचल में एक बार फिर से बारिश शुरू हो रहे हैं, जिसके चलते तबाही की आशंकाएं बढ़ रही होंगी.
बता दें कि पंजाब के सैकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं. जम्मू कश्मीर, हिमाचल और हरियाणा से भी पानी आ रहा है लेकिन अतिरिक्त पानी को राजस्थान और हरियाणा लेने को तैयार नहीं है. इसके चलते रावी और सतलुज नदी से पांच लाख क्यूसेक पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ना पड़ा है. जम्मू कश्मीर की ऊझ नदी से दो लाख क्यूसेक पानी रावी में आया, जिसे पाकिस्तान की तरफ छोड़ना पड़ा है.
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नाव से पेट्रोलिंग कर रहे हैं बीएसएफ के जवान
बता दें कि फिरोजपुर जिले में लगभग 80 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें लगी फेंसिंग पूरी तरह से डूब चुकी है और बीएसएफ की 12 चौकियां पूरी तरह से जलमग्न हो गई. सीमा पर स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि बीएसएफ जवान नावों के जरिये पेट्रोलिंग कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक सेना के साथ मिलकर बीएसएफ जवान तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुके हैं और राहत बचाव कार्य जारी है.
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हिमाचल में फिर शुरू हुई बारिश
हिमाचल प्रदेश में भी बारिश एक बार फिर शुरू हो गई है जिसके चलते लैंडस्लाइड का खतरा बरकरार है. ऐसे मे बारिश को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर रखा है.
हरियाणा में भी जारी है बाढ़ की तबाही
इसके अलावा हरियाणा में भी यमुना का जलस्तर मुसीबत बनने लगा है. हालांकि अब यह कम लेने लगा है. इतना ही नहीं, घग्गर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. इससे कैथल, फतेहाबाद जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. सिरसा में भी अलर्ट है. पंजाब के मूनक में घग्गर नदी टूटने व जाखल के तलवाड़ा में 10 फीट तक दरार आने से 16 गांवों में पानी पहुंच गया था. प्रशासन ने 450 स्कूलों में 23 जुलाई तक अवकाश घोषित कर दिया है.
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