मिजोरम में घुसकर छिप रही म्यांमार की सेना, केंद्र करेगी पूरी सीमा को सील, बंद होगा Free Movement

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 20, 2024, 06:13 PM IST

Amit Shah ने म्यांमार सीमा को बांग्लादेश सीमा की तरह ही सुरक्षित बनाने का ऐलान किया है.

Myanmar Army Crisis: म्यांमार के रखाइन प्रांत में जातीय हिंसा और ज्यादा बढ़ गई है. इसके बाद वहां से म्यांमार सेना के सैनिक भी फरार होकर मिजोरम की सीमा में घुसकर छिप रहे हैं.

डीएनए हिंदी: Myanmar Vs Arakan Army- म्यांमार की सेना के सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसपैठ कर मिजोरम में छिपने की खबरों के बाद केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि म्यांमार से सटी पूरी सीमा पर 'Free Movement' बंद होगा. पूरी सीमा को फेंसिंग लगाकर सील किया जाएगा और भारत-म्यांमार सीमा पर भी बांग्लादेश सीमा की तरह ही सख्त सिक्योरिटी की जाएगी ताकि अवैध घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके. शाह ने यह घोषणा नवगठित असम पुलिस कमांडो बटालियन के पहले बैच की पांच टीमों की पासिंग आउट परेड के दौरान की है. 

क्यों पड़ रही है म्यांमार से सटी सीमा सील करने की जरूरत?

बता दें कि म्यांमार में इस समय जातीय संघर्ष छिड़ा हुआ है. रखाइन प्रांत में छिड़े इस जातीय संघर्ष में म्यांमार सेना की मदद से शासन करने वाले जुंटा पर विद्रोही भारी पड़ रहे हैं. इसके चलते म्यांमार सेना में खलबली मची हुई है. म्यांमार के सैनिक सीमा पार करके भारतीय धरती पर छिप रहे हैं. मिजोरम में ऐसे 600 सैनिक अब तक पकड़े जा चुके हैं, जिनमें से 450 को वापस म्यांमार डिपोर्ट किया जा चुका है. म्यांमार का यह संकट मिजोरम में भी टकराव का कारण बनने का अंदेशा लग रहा है. दूसरी तरफ, मणिपुर हिंसा में भी कुकी आतंकियों को म्यांमार में शरण और हथियारों की मदद मिलने के सबूत मिले हैं. इन सभी कारणों से भारत सरकार पिछले कुछ समय से दोनों देशों की सीमा पर लागू 'फ्री मूवमेंट' को बंद करने पर विचार कर रही थी.

क्या कहा है अमित शाह ने अब

अमित शाह ने कहा भारत सरकार म्यांमार के साथ फ्री मूवमेंट को बंद करेगी. भारत-म्यांमार सीमा भी बांग्लादेश सीमा की तरह फेंसिंग लगाकर सुरक्षित की जाएगी. उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा, कांग्रेस के राज में सरकारी नौकरियां भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद में फंसी हुई थीं. भाजपा सरकार आने के बाद से किसी को भी नौकरी के लिए रिश्वत नहीं देनी पड़ती है.

अराकान आर्मी के कारण भाग रही है म्यांमार सेना

रखाइन प्रांत में म्यांमार सेना को विद्रोही ग्रुप अराकान आर्मी से तगड़ी चुनौती मिल रही है. अराकाना आर्मी के लड़ाके म्यांमार की सेना पर भारी पड़ रहे हैं. इसी कारण म्यांमार की सेना में खौफ फैल गया है. रखाइन प्रांत में तैनात म्यांमार के सैनिक वहां से भागकर मिजोरम के Lawngtlai जिले में घुसकर छिप रहे हैं. इन्हें मिजोरम में असम राइफल्स के कैंप में शरण दी गई है. मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहावमा ने भी इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि लोग म्यांमार से भागकर हमारे यहां शरण ले रहे हैं. मानवीय आधार पर हम मदद कर रहे हैं, लेकिन म्यांमार की सेना के सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में ये अब मुसीबत बन रहा है. हालांकि, हम 450 के करीब सैनिकों वापस उनके देश हवा के रास्ते भेज भी चुके हैं.

क्या है Free Movement, जिसे बंद करेगी मोदी सरकार

अमित शाह ने भारत-म्यांमार सीमा पर Free Movement बंद करने की घोषणा की है. आपको बता दें कि यह व्यवस्था पीएम मोदी सरकार ने ही पूर्वोत्तर के म्यांमार से सटे राज्यों में शुरू की थी. इसके तहत भारत और म्यांमार के सीमा से सटे इलाकों के लोग बिना किसी वीजा-पासपोर्ट के महज पहचान से जुड़े दस्तावेज के आधार पर रोजाना कुछ किलोमीटर दूर तक एक-दूसरे की सीमा में एंट्री कर सकते हैं. ये अपने वाहन भी इधर से उधर और उधर से इधर ले जा सकते हैं. यह व्यवस्था उन आदिवासी समुदायों की परेशानी देखकर शुरू की गई थी, जिनके लोग सीमा को दोनों तरफ बसे हुए हैं. साथ ही इसका मकसद इलाके में व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ाना था. हालांकि इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद व्यापारिक गतिविधियों की आड़ में ड्रग्स आदि की स्मगलिंग आसान हो जाने के भी आरोप लगते रहे हैं.

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