डीएनए हिंदी: चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में साबित किया है कि वह आतंकवाद का पनाहगार है. चीन ने पाकिस्तान में रहने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर दिया है. चीन के इस कदम की भारत ने कड़ी निंदा की है.
भारत ने कहा है कि यह आतंकवाद के अभिशाप से लड़ने के लिए वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है. चीन ने मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैक लिस्ट में डालने से रोक दिया है. अगर ऐसा होता तो उसकी संपत्तियां जब्त होतीं, उसकी विदेश यात्राओं पर बैन लगता. उसे हथियार रखने की इजाजत नहीं मिलती. चीन ने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया.
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कौन है कुख्यात आतंकी साजिद मीर?
साजिद मीर पाकिस्तान में रहता है. वह 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के मामले में वांछित है. न्यूयार्क में भारत के स्थाई मिशन के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने मंगलवार को कड़े शब्दों में कहा कि अगर कुछ भू-राजनीतिक हितों की वजह से आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास विफल होते हैं, तो आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने को लेकर हमारे पास सचमुच वास्तविक राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है.
भारत ने चीन को सुनाई खरी खोटी
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी बैठक में कहा, 'आतंकी कृत्य तो आतंकी कृत्य होता है, यह बात बिल्कुल स्पष्ट और सरल है. ऐसे कृत्य को किसी भी तरह से जायज ठहराए जाने को कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. जवाबदेही और पारदर्शिता के इस युग में क्या बिना कोई कारण बताए साक्ष्य आधारित प्रस्तावों को रोका जा सकता है.'
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, 'ऐतिहासिक शहर न्यूयॉर्क में हुए 9/11 के आतंकवादी हमलों ने जहां वैश्विक आतंकवाद रोधी परिदृश्य को बदल दिया था, वहीं 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सामूहिक अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था.'
साजिद मीर ने की थी मुंबई हमले की प्लानिंग
भारत ने मीर का एक ऑडियो क्लिप भी चलाया, जिसमें उसे मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान पाकिस्तान के आतंकवादियों को निर्देश देते हुए सुना जा सकता है.
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को सीमापार से आये 10 पूरी तरह से हथियारबंद आतंकवादियों ने मुंबई में घुसकर कहर बरपाया था. इन हमलों में 26 विदेशियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी. मुंबई हमलों के पीड़ित आज भी इंसाफ मांग रहे हैं. (इनपुट: PTI)
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