डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान को कश्मीर राग अलापने पर भारत ने कड़ी फटकार लगाई है. सुरक्षा परिषद में इजरायल और गाजा पट्टी में मची तबाही को लेकर बहस चल रही थी, तभी पाकिस्तान ने कश्मीर का जिक्र कर दिया. भारत ने पाकिस्तान के इस रुख की आलोचना की. संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (DPR) आर रवींद्र ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई टिप्पणी गलत है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि इजरायल-हमास के बीच छिड़ी जंग को सिर्फ कश्मीर और फलस्तीन को एक जैसा विवाद करार दिया था. पाकिस्तान ने हमास के एक्शन को भी सही ठहराया था. भारत ने इस वैश्विक मंच से पाकिस्तान की इस टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया.
पाकिस्तान ने यूएन में क्या कहा?
यूएन में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि हमारा देश हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विदेशी अधिकार में रहने वाले लोगों को अपनी आजादी व स्वनिर्णय के लिए लड़ने का अधिकार है और इसे आतंकवाद नहीं माना जाना चाहिए. पाकिस्तान ने हमास के हमले को सही ठहराया है.
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भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़
आर रवींद्र ने कहा कि इस तरह का बयान अपमानजनक है और इस पर कोई टिप्पणी भी नहीं की जानी चाहिए. राजदूत रवींद्र ने कहा कि वह इस तरह के बयानों पर टिप्पणी करके इसको तवज्जो नहीं देना चाहते.
भारत ने गाजा में भेजी सहायता, पाकिस्तान हमास के साथ
आर रविंद्र ने कहा कि भारत ने गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध के बीच नागरिकों को मानवीय सहायता भेजी है. उन्होंने कहा कि भारत ने गाजा में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं.
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आर रविंद्र ने कहा कि इजरायल-हमास वार में बढ़ता मानवीय संकट चिंताजनक है. भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को दवाइयों और उपकरणों सहित 38 टन मानवीय सामान भेजा है. हम दोनों पक्षों से शांति के लिए आवश्यक स्थितियां बनाने की अपील करते हैं.
भारत ने युद्ध के खिलाफ क्या की है अपील?
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे. भारत ने उनकी स्पष्ट रूप से निंदा की. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे जिन्होंने जानमाल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्यक्त की और निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना की. आर रवींद्र ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए काम करने की वकालत की है.
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