भारत में बनेंगी अमेरिका जैसी सड़कें, नितिन गडकरी ने संसद में बताया पूरा प्लान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 04, 2022, 09:10 AM IST

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) NHAI की फंड उपलब्धता पर प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, 'सरकार 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि 2024 तक देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे यात्रा के समय में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में भारत में सड़कों का ढांचा (Road Infrastructure) अमेरिका जैसा होगा. ग्रीन एक्सप्रेसवे से बनने से दिल्ली से देहरादून, हरिद्वार, जयपुर की यात्रा सिर्फ 2 घंटे में तय की जा सकेगी.

नितिन गडकरी NHAI की फंड उपलब्धता पर प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, 'सरकार 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है. 2024 तक भारत में सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका जैसा होगा. धन की कोई कमी नहीं है, हम देश में सड़क के बुनियादी ढांचे का चेहरा बदलने के लिए प्रतिबंद्ध हैं. ' फंड की उपलब्धता पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि NHAI हर साल 5 लाख करोड़ रुपये की सड़कों का निर्माण कर सकता है.

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1.6 लाख करोड़ रुपये की मुद्रीकरण योजना 
गडकरी ने कहा कि केंद्र द्वारा हाल ही में घोषित राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 के चार वर्षो में छह लाख करोड़ रुपये के कुल आस्ति मौद्रीकरण की योजना में सर्वाधिक 1.6 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा परिचालन वाले राजमार्गो की मुद्रीकरण योजना का है. एनएमपी में चार लेन के 26,700 किलोमीटर राजमार्ग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, बजट अनुमान 2022-23 के तहत सड़क मंत्रालय का कुल बजटीय परिव्यय 1,99,107.71 करोड़ रुपये है. इसके अलावा एनएचएआई ने विशेष उद्देशीय कोष (SPV) से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की परिकल्पना की है और 30,000 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र की भागीदारी से निवेश की परिकल्पना की गई है.’ 

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एक अलग सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश ने पुष्टि की है कि वे अधिक जोखिम और अधिक घनत्व वाले गलियारों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपयुक्त इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरण सुनिश्चित करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम और उसके तहत जारी अधिसूचना के प्रावधानों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘शेष राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.’

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