Rajnath Singh ने अमेरिका से चीन को दिया कड़ा संदेश, बोले- छेड़ने वालों को नहीं छोड़ेंगे

| Updated: Apr 16, 2022, 08:08 AM IST

अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने अमेरिका और चीन दोनों को ही कड़ा कूटनीतिक संदेश दिया है.

डीएनए हिंदी: चीन को एक कड़ा संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा है कि अगर भारत को नुकसान हुआ तो भारत किसी को भी नहीं बख्शेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में उभरा है और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. सैन फ्रांसिसको में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए राजनाथ ने दबे शब्दों में अमेरिका को भी कूटनीतिक चेतावनी दे दी है. 

भारतीय-अमेरिकियों को किया संबोधित

भारतीय-अमेरिकियों के बीच राजनाथ सिंह ने अमेरिका को संदेश देते हुए कहा कि नई दिल्ली 'जीरो-सम गेम' की कूटनीति में विश्वास नहीं करती  हैं जिसके लिए किसी दूसरे देश से खटास हो. रक्षा मंत्री यहां वाशिंगटन डीसी में भारत यूएस 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए आए थे. इसके बाद उन्होंने इंडोपैकोम मुख्यालय और फिर सैन फ्रांसिस्को में बैठकें भी की. ऐसे में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक स्वागत समारोह में रक्षा मंत्री ने चुनिंदा लोगों की एक सभा को संबोधित किया. 

चीन को मिल रहा है माकूल जवाब

खास बात यह है कि यहां उन्होंने चीन के साथ भारत की टक्कर और भारतीय सेना की मजबूत ताकत से रूबरू कराया. उन्होंने कहा, "मैं खुले तौर पर यह नहीं कह सकता कि भारतीय सैनिकों ने क्या किया और सरकार ने क्या निर्णय लिए लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि चीन को एक संदेश गया है कि भारत को नुकसान होने पर भारत किसी को नहीं बख्शेगा. अगर कोई छेड़ेंगा तो भारत छोड़ेगा नहीं,” आपको बता दें कि पेंगॉन्ग झील में हुई हिंसक झड़प के बाद अब तक भारत और चीन के बीच 15 दौर की वार्ता हो चुकी है. 

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अमेरिका को भी दिया कड़ा संदेश 

यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर अमेरिकी दबाव का कोई सीधा जिक्र किए बिना सिंह ने कहा कि भारत 'जीरो-सम गेम' कूटनीति में विश्वास नहीं करता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर भारत के एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे. भारत द्विपक्षीय संबंध बनाने में विश्वास करता है जो दोनों देशों के लिए समानता के लाभ पर आधारित होते हैं.  आपको बता दें कि रूसी तेल खरीदे और यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका लगातार दबे मुंह भारत पर हमले बोल रहा था. ऐसे में राजनाथ सिंह की कूटनीतिक रिश्तों को लेकर की गई टिप्पणी काफी अहम मानी जा रही है. 

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