डीएनए हिंदी: भारतीय वायुसेना का भरोसेमंद Chetak जल्द सेवा के 60 साल पूरे करने वाला है. चेतक अगले महीने यानी कि अप्रैल में डायमंड जुबली मनाएगा. इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए वायुसेना भी प्लानिंग कर रही है. यह जश्न सिकंदराबाद के नजदीक हकीमपेट एयरफोर्स स्टेशन में होगा. अधिकारियों ने जानकारी दी कि चेतक का डायमंड जुबली प्रोग्राम 2 और 3 अप्रैल को मनाया जाएगा.
भारतीय वायुसेना ने साल 1962 में French Origin helicopters को आधिकारिक तौर पर अपनी सैन्य शक्ति में शामिल किया था. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने साल 1965 में चेतक को भारतीय वायुसेना का सौंपा था. चेतक के 60 साल के साथ ही भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्ट ट्रेनिंग स्कूल के भी 60 साल पूरे हो गए हैं. इसकी स्थापना साल 1962 में हुई थी.
राजनाथ सिंह भी होंगे रिटायरमेंट पार्टी में शामिल
यह ट्रेनिंग स्कूल पहले पालम एयर फोर्स स्टेशन में शुरू किया गया था. इसके बाद साल 1973 में इसे हकीमपेट शिफ्ट कर दिया गया. डायमंड जुबली कार्यक्रम को लेकर अपडेट है कि इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और IAF Chief Air Chief Marshal Vivek Ram Chaudhari भी शामिल होंगे.
बता दें कि वायुसेना को आखिरी चेतक साल 2021 मार्च में दिया गया था. दो टन के इस हेलिकॉप्टर की स्पीड 185 किलोमीटर प्रति घंटा है और करीब 500 किलोमीटर की रेंज है. इस सिंगल इंजन हेलिकॉप्टप में सात लोग सवार हो सकते हैं. इनमें दो पायलट भी शामिल हैं. चेतक तीनों सेनाओं को सेवा देता है और कोस्ट गार्ड भी इसका इस्तेमाल करते हैं. यह दशकों से सेना का जांबाज साथी रहा है लेकिन कई बार हादसों की वजह से भी चर्चा में रहा. पिछले 10 से 12 सालों में करीब 15 चेतक और चीता हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं इनमें कई पायलट ने भी अपनी जान गंवाई है.
रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने बताया, चेतक सालों से वीआईपी उड़ानों, सैन्य ऑपरेशन, कैजुअल्टी इवैकुएशन और राहत कार्यों के लिए इस्तेमाल होता रहा है. अब जब इसे सेवा देते-देते 60 साल पूरे हो गए हैं तो हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे उसी सम्मान से रिटायर करें और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जैसी नई मशीनों का इस्तेमाल करें.
ये भी पढ़ें:
1- 8 डीम्ड यूनिवर्सिटी भी कराएंगी CUET से दाखिला, UGC की पहल के बाद लिया फैसला
2- इस साल FPI ने भारतीय बाजार में कितने लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की, क्या होगा इसका असर?
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.