Indian Coast Guard के जांबाज जवानों ने सोमवार को पाकिस्तानी मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी (Pakistan Navy का तटरक्षक बल) को जबरदस्त मुंह की खाने पर मजबूर कर दिया. पाकिस्तानी एजेंसी अपने जहाज में भारतीय मछुआरों का अपहरण करने के बाद भाग रही थी. उसकी योजना उन मछुआरों को अपने समुद्री इलाके में ले जाकर घुसपैठ करने के आरोप में गिरफ्तार दिखाने की थी, लेकिन मछुआरों के डिस्ट्रेस सिग्नल का पीछा करते हुए पहुंचे भारतीय तटरक्षक बल के जवानों ने पाकिस्तान का खेल खराब कर दिया. करीब दो घंटे तक पाकिस्तानी तटरक्षक बल मछुआरों को लेकर भागने की कोशिश करता रहा, लेकिन भारतीय तटरक्षक बल के जवानों की जांबाजी के सामने आखिरकार उसे मछुआरों को छोड़कर जान बचाने के लिए मिमियाते हुए भागना पड़ा है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास की है घटना
यह घटना 17 नवंबर यानी रविवार को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास हुई है. भारतीय तटरक्षक बल को रविवार दोपहर 3.30 बजे भारतीय मछुआरों की डिस्ट्रेस कॉल मिली थी. मदद की यह गुहार भारतीय फिशिंग बोट कालभैरव से आई थी. इस डिस्ट्रेस कॉल को तटरक्षक बल के जहाज ICG अग्रिम (ICG Agrim) ने इंटरसेप्ट किया और तत्काल भारतीय मछुआरों की मदद के लिए निकल पड़ा.
नो-फिशिंग जोन में पहुंचे मछुआरों का अपहरण कर रहा था पाकिस्तान
भारतीय मछुआरे मछली पकड़ने के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब नो-फिशिंग जोन (NFZ) में पहुंच गए थे. इसी दौरान उन्हें पाकिस्तानी जहाज PMSA Nusrat ने रोक लिया था. इसके बाद कालभैरव पर मौजूद सातों भारतीय मछुआरों को पाकिस्तानी जहाज नुसरत में सवार कर लिया गया. उन्हें पाकिस्तानी सीमा में ले जाकर घुसपैठिया दिखाने का प्लान था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता.
दो घंटे तक पाकिस्तानी जहाज की घेराबंदी की भारतीय जहाज ने
भारतीय तटरक्षक बल के जहाज ICG अग्रिम भी पाकिस्तानी जहाज नुसरत के अपने समुद्री इलाके में पहुंचने से पहले वहां पहुंच गया. इसके बाद ICG अग्रिम ने दो घंटे तक पीएमएसए नुसरत की अंतरराष्ट्रीय समुद्र में घेराबंदी किए रखी. इस टकराव के बीच अपनी स्थिति कमजोर देखकर आखिरकार पाकिस्तानी मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी ने हार मान ली और मछुआरों व उनकी नाव कालभैरव को छोड़ दिया. हालांकि इस कवायद में कालभैरव नाव टूटकर समुद्र में डूब गई, लेकिन मछुआरों को भारतीय तटरक्षक बल ने अपनी कस्टडी में ले लिया. इसके बाद दोनों देशों के जहाज अपनी-अपनी सीमा की तरफ रवाना हो गए.
ओखा बंदरगाह पर की गई है मछुआरों से पूछताछ
भारतीय तटरक्षक बल का जहाज ICG अग्रिम सातों मछुआरों को साथ लेकर सोमवार को गुजरात के ओखा बंदरगाह पर पहुंचा है. यहां कोस्टगार्ड के अधिकारियों के साथ ही गुजरात पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने भी मछुआरों से पूछताछ की है. इस पूछताछ में मछुआरों और पाकिस्तानी मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी के बीच किसी तरह की मिलीभगत होने के शक की जांच की गई है. साथ ही यह भी जांच की गई है कि नो-फिशिंग जोन में मछुआरे स्मगलिंग के चक्कर में तो नहीं गए थे? दरअसल गुजरात का पाकिस्तान से सटा समुद्री इलाका बड़े पैमाने पर नशे की तस्करी का गढ़ है. इस काम में स्थानीय मछुआरे भी शामिल पाए गए हैं. तीन दिन पहले भी पोरबंदर बंदरगाह के करीब समुद्री इलाके से 700 किलोग्राम नशीली ड्रग्स स्मगल कर रहे 8 ईरानी नागरिक गिरफ्तार किए गए थे. ऐसी घटनाओं के चलते ही मछुआरों से गहन पूछताछ चल रही है.
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