डीएनए हिंदी: India Pakistan Relations- पाकिस्तान में 'अज्ञात गनमैन' द्वारा हालिया दिनों में एक के बाद एक भारत में वांटेड आतंकियों की हत्या को लेकर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कोई कमेंट करने से इंकार कर दिया. हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जो भारत में वांटेड हैं, उन्हें यहां आकर आपराधिक व आतंकी गतिविधियों के लिए कानूनी प्रक्रिया का सामना करना चाहिए. हम यह पसंद करेंगे कि वे भारत आएं और हमारे लीगल सिस्टम का सामना करें, लेकिन मैं पाकिस्तान में हाल ही में हुई गतिविधियों (अज्ञात हमलावर द्वारा की गई हत्याओं) को लेकर कोई कमेंट नहीं कर सकता. बागची ने उस मुद्दे पर पाकिस्तानी आपत्ति को भी खारिज कर दिया, जिसमें पाकिस्तान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को संसद में पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर (POK) को लेकर किए दावे पर एतराज जताया था. बागची ने कहा कि हमें पाकिस्तान को इस मुद्दे पर जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है.
2 दिसंबर को भी मारा गया था भारत में वांटेड आतंकी
बता दें कि हालिया महीनों में पाकिस्तान की धरती पर छिपकर बैठे ऐसे कई आतंकियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, जो भारत में आतंकी मामलों में वांटेड थे. सबसे ताजा वारदात 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात में हुई है, जिसमें लश्कर-ए-ताइबा (Lashkar-e-Taiba) के आतंकी हंजला अदनान (Hanzla Adnan) को कराची में उसके घर के बाहर ही गोलियों से भून दिया गया. LeT आतंकी हंजला साल 2015 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में BSF (Border Security Force) के काफिले पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था.
शाह ने कहा था 'POK हमारा है', पाकिस्तान ने जताया है एतराज
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा था कि 'PoK हमारा है और हम इसे वापस लेकर रहेंगे'. शाह के इस बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, मुझे नहीं लगता कि पीओके पर हमारे दावे को लेकर मुझे कुछ दोहराने की जरूरत है. मैं गृह मंत्रालय द्वारा संसद में दिए बयान को स्पष्ट करने की जरूरत नहीं समझता हूं. पीओके पर हमारी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है. हमारे लिए यह भारत का हिस्सा है और हम निश्चित तौर पर ऐसा कोई कारण नहीं देखते, जिससे हमें बयान को बदलने की जरूरत है.
खालिस्तानी आतंकी पन्नूं की संसद पर धमकी को लेकर क्या बोला मंत्रालय
बागची से अमेरिका में मौजूद खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से भारतीय संसद पर 13 दिसंबर या उससे पहले हमले की धमकी को लेकर सवाल पूछा गया. बागची ने कहा कि हम हमेसा धमकियों को गंभीरता से लेते हैं. हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साथ ही यह भी कहा कि हम ऐसी धमकियां देने वाले चरमपंथियों को बढ़ावा देना या उन्हें इसका श्रेय देना नहीं चाहते हैं. हमने यह मुद्दा अमेरिका और कनाडा के अधिकारियों के सामने उठाया है. चरमपंथियों और आतंकियों की आदत ऐसी धमकियों के जरिये भारत में मीडिया कवरेज पाने की बन गई है.
कतर में पूर्व भारतीय नेवी अधिकारियों की सजा पर एक्टिव है सरकार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कतर में 8 पूर्व भारतीय नेवी अधिकारियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर भी स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे की करीबी से निगरानी कर रहा है और अपने लोगों को सभी तरह की कानूनी व राजनयिक सहायता दे रहा है. उन्होंने कहा, हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को सभी 8 भारतीयों तक राजनयिक पहुंच मिली थी. यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम इसे फॉलो करना जारी रखेंगे और जो भी हम कर सकते हैं, वो जरूर करेंगे.
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