Global Hunger Index: 'देश की छवि बिगाड़ने की कोशिश', ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर भारत सरकार ने उठाए सवाल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 15, 2022, 09:22 PM IST

हंगर इंडेक्स में भारत का प्रदर्शन खराब रहा.

Global Hunger Index: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत 121 देशों की लिस्ट में से 107वें स्थान पर है. सरकार ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

डीएनए हिंदी: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 (Global Hunger Index 2022) को लेकर भारत सरकार ने सवाल उठाए हैं. सरकार ने कहा कि इंडेक्स में भूख को गलत मापा गया है और गंभीर सवालों से ग्रस्त है. रिपोर्ट ना सिर्फ जमीनी हकीकत से अलग है, बल्कि जनसंख्या के लिए खाद सुरक्षा सुनिश्चित करने के सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को भी अनदेखा किया गया है. इस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 121 देशों में 107वें स्थान पर खिसक गई है. केंद्र ने कहा कि इस रिपोर्ट के जरिए भारत की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है.

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को लेकर कहा कि खाद सुरक्षा और अपनी आबादी की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं करने वाले देश के रूप में भारत की छवि को खराब करने की कोशिश है. हंगर इंडेक्स को गलत तरीके से मापा गया है और कार्यप्रणाली दिखती है. भारत सरकार ने कहा कि कुपोषित आबादी के अनुपात (POU) का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक अनुमान 3,000 के बहुत छोटे सैंपल पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है.

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 107 नंबर पर
बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022(Global Hunger Index 2022) के मामले में भारत 121 देशों की लिस्ट में से 107वें स्थान पर दिखाया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 29.1 स्कोर के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है. अहम बात यह है कि दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों से भी खराब है. भारत के नीचे इस लिस्ट में दक्षिण एशियाई देशों में केवल अफगानिस्तान ही है.

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लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार 19.3 प्रतिशत पर भारत में जीएचआई में शामिल सभी देशों की तुलना में चाइल्ड वेस्टिंग रेट सबसे अधिक है. यह दर 1998-1999 की तुलना में अधिक है जो कि पहले 17.1 प्रतिशत थी. ताजा आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण एशिया में नेपाल 81वें स्थान पर बांग्लादेश 84वें स्थान पर और यहां तक कि पाकिस्तान 99वें स्थान पर है. वहीं भारत इस मामले में सबसे पीछे हो गया है. 

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