Operation Kaveri: सूडान से लौटा भारतीयों का पहला जत्था, बोले 'खाना नहीं मिला, गनपॉइंट पर बंधक रहे'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 26, 2023, 10:23 PM IST

Indians Back From Sudan in Operation Kaveri

Sudan Crisis: भारतीय नेवी का INS सुमेधा 278 भारतीयों को लेकर स्वदेश के लिए चला है, जबकि Operation Kaveri के तहत 360 भारतीय जेद्दा एयरपोर्ट से विमान में उड़कर देर रात भारत पहुंचे हैं. इन सभी का विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वागत किया है. 

डीएनए हिंदी: Indians In Sudan- सूडान संकट के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने का काम तेज हो गया है. भारतीय नेवी और एयर फोर्स ने ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri) के तहत भारतीय नागरिकों को निकालने की शुरुआत कर दी है. जेद्दा एयरपोर्ट से 360 भारतीयों को लेकर उड़ान भरने वाला विमान बुधवार देर रात भारत पहुंच गया. यह ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों का भारत पहुंचने वाला पहला जत्था है. हालांकि इससे पहले 278 भारतीय नागरिकों का एक जत्था नेवी पोत INS सुमेधा में सवार होकर वहां से भारत के लिए निकला था. सूडान से भारत लौट रहे भारतीयों ने वहां की सेना और रिजर्व फोर्स के बीच चल रहे गृहयुद्ध के दौरान बने बुरे हालात का ब्योरा बयान किया है. उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि वे वहां किन अमानवीय और हर पल जान हथेली पर रखने वाले हालात में फंसने के बाद भारत लौटे हैं. उन्होंने कहा,'दो दिन तक भूखा रहना पड़ा और हर समय गनपॉइंट के साये में बंधक रहना पड़ा.' उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह ऐसे हालात में भी भारत सरकार ने उन्हें संसाधन, गर्म खाना और सुरक्षा मुहैया कराई है.

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विदेश मंत्री ने दी भारतीयों के लौटने की जानकारी

360 भारतीय नागरिकों के भारत सुरक्षित पहुंच जाने की जानकारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सभी के साथ शेयर की. उन्होंने ट्वीट में इन यात्रियों के एयरपोर्ट लाउंज में पहुंचने की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, जयशंकर ने लिखा है, भारत अपने लोगों की वापसी का स्वागत करता है. ऑपरेशन कावेरी के तहत 360 भारतीय नागरिक घर आए हैं. पहली फ्लाइट नई दिल्ली पहुंच गई है.

'8 घंटे तक बंदूक की नोंक पर बंधक रहे'

ANI से बातचीत में सूडान से INS सुमेधा के जरिये लौट रहे भारतीयों ने वहां की हॉरर कहानियां शेयर कीं. एक भारतीय नागरिक ने बताया, सूडानी सेना के सामने लड़ रही RSF (सूडान की रिजर्व फोर्स) हमारी कंपनी के करीब ही थी. सुबह करीब 9 बजे वे हमारी कंपनी में घुसे और फायरिंग करते हुए लूटपाट शुरू कर दी. उन्होंने हमें करीब 8 घंटे तक बंदूक की नोंक पर बंधक बनाए रखा. उन्होंने अपनी बंदूकें हमारे सिरों और सीने पर रख दीं और हमें लूटते रहे.

'डीजल का इंतजाम किया, तब निकल सके'

वापस लौट रहे उस भारतीय ने आगे कहा, आरएसएफ के लड़ाकों ने कंपनी में सबकुछ तबाह कर दिया. उन्होंने फाइलें जला दीं और हमारे लैपटॉप व मोबाइल फोन लूट लिए. हमने तब दूतावास से कॉन्टेक्ट किया. हमारे पास दो दिन तक खाना नहीं था. हम एक गांव में छिप गए. हमने डीजल का अरेंजमेंट किया और दूतावास से बसों का इंतजाम कर हमें वहां से निकालने का आग्रह किया. इसके बाद ही हम बचकर आ पाए. 

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