डीएनए हिंदी: रांची हवाईअड्डे पर शनिवार को खासा बवाल हो गया. इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) ने अपने परिवार के साथ जा रहे दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में बैठने से रोक दिया. इसके बाद कुछ यात्रियों ने हंगामा कर दिया. एयरलाइन ने आज एक बयान में कहा है कि बच्चे ने अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया. एयरलाइन ने आगे कहा है कि उन्हें भेदभावपूर्ण व्यवहार के बजाय 'समावेशी' होने पर गर्व है.
बच्चा पैनिक की स्थिति में था
इंडिगो ने कहा, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए 7 मई को एक विशेष रूप से दिव्यांग बच्चा अपने परिवार के साथ उड़ान में नहीं जा सका क्योंकि वह पैनिक की स्थिति में था. ग्राउंड स्टाफ ने अंतिम समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. एक साथी यात्री और घटनास्थल की गवाह मनीषा गुप्ता ने फेसबुक पोस्ट में घटना के बारे में लिखा है.
डॉक्टर्स ने की थी मदद की पेशकश
गुप्ता ने अपने पोस्ट में कहा कि उसी उड़ान में यात्रा कर रहे डॉक्टरों के एक समूह ने बच्चे और उसके माता-पिता को मदद देने को कहा लेकिन इंडिगो प्रबंधक नहीं माने. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, कोई एयरलाइन विकलांग यात्रियों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती है.
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मनीषा गुप्ता ने कहा, उन 45 मिनटों के गुस्से और झगड़े में परिवार के तीनों लोगों ने एक बार भी अपनी गरिमा नहीं खोई. अपनी आवाज नहीं उठाई और एक भी तर्कहीन शब्द नहीं बोला. एयरलाइन ने कहा है कि यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है. इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए. परिवार ने कहा है कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और वे अगली सुबह उड़ान भर सके.
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