ISIS की है यूपी-उत्तराखंड में खतरनाक योजना, जानें दो दिन पहले इंडिया हेड Haris Farooqui ने क्या बताया

कुलदीप पंवार | Updated:Mar 23, 2024, 04:16 PM IST

ISIS India Head Arrested: आतंकी संगठन ISIS का भारत में कामकाज देखन वाला हारिश फारुकी (Haris Farooqi) उत्तराखंड के टूरिस्ट प्लेस चकराता का मूल निवासी है. वह बम धमाकों की भी कोशिश कर चुका है.

ISIS India Head Arrested: दुनिया भर में आतंकी वारदातों से कहर मचा रहे खूंखार आतंकी संगठन ISIS की भारत में भी पैर पसारने की कोशिश लगातार जारी है. अब तक केरल समेत दक्षिण भारतीय राज्यों में ही ज्यादा सक्रिय दिख रहे ISIS ने उत्तर भारत में जड़ें जमानी शुरू कर दी है. इसका खुलासा ISIS-India के चीफ हारिश फारुकी (Haris Farooqi) ने किया है, जो दो दिन पहले बुधवार (20 मार्च) को बांग्लादेश से सीमा पार करते समय असम के धुबरी जिले में दबोचा गया है. असम पुलिस (Assam Police) की स्पेशल टास्क फोर्स के हत्थे चढ़े फारुकी ने पूछताछ में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की खतरनाक योजना का खुलासा किया है. फारुकी ने यह भी खुलासा किया है कि यूपी-उत्तराखंड में सांप्रदायिक दंगे कराने के लिए वह पहले भी इन राज्यों में बम धमाकों की कोशिश कर चुका है. 

उत्तराखंड का रहने वाला है ISIS का इंडिया हेड

Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, असम पुलिस ने दो दिन पहले एक गुप्त सूचना के आधार पर फारुकी को उसके एक सहयोगी रेहान के साथ गिरफ्तार किया था. दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है. इस पूछताछ में फारुकी ने बताया कि वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के टूरिस्ट स्पॉट चकराता का रहने वाला है और उसका असली नाम हरीश अजमल फारुखी है. वह ISIS की इंडिया ब्रांच का हेड है यानी भारत में इस आतंकी संगठन के सारे काम उसी के इशारे पर होते हैं. उसके साथ पकड़े गए रेहान का असली नाम अनुराग सिंह है. हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अनुराग ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है और बांग्लादेशी महिला से शादी की है. 

उत्तर भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की योजना

रिपोर्ट में असम पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि फारुकी ने पूछताछ में उत्तर भारत में ISIS के नाम से बड़े पैमाने पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की योजना कबूल की है. उसने अपनी योजना के बारे में जो बातें बताई हैं, वो कांपने पर मजबूर कर सकती हैं. फारुकी की योजना उत्तर भारत के राज्यों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हिंदू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच पनप रहे तनाव को बढ़ावा देकर सांप्रदायिक दंगे भड़काने की है. इसके लिए इन राज्यों के चर्चित स्थानों, मंदिरों आदि में बम धमाके करने की योजना बनाई गई है ताकि हिंदू-मुस्लिम दंगे शुरू हो जाएं. 

फारुकी ने अलीगढ़ के प्रोफेसर को दी है जिम्मेदारी

जांच से जुड़े असम पुलिस के सूत्रों ने बताया कि फारुकी के दो सहयोगी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का प्रोफेसर वजीदुद्दीन और झारखंड निवासी शाहनवाज हैं. शाहनवाज का अलीगढ़ से भी करीबी नाता है. ये दोनों हारिश फारुकी के दाहिने और बाएं हाथ बताए गए हैं. इन दोनों को ही उत्तर भारत में सांप्रदायिक दंगे कराने और बम धमाकों जैसी आतंकी घटनाएं कराने की जिम्मेदारी फारुकी ने सौंपी है. यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रोफेसर वजीदुद्दीन का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से भी कोई नाता है या नहीं. AMU का नाम पिछले दिनों कई बार ISIS की गतिविधियों से जुड़ा हुआ मिला है.

हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर किया था IED बम का ट्रायल

पूछताछ में यह भी सामने आया है कि हारिस फारुकी ने ट्रायल के तौर पर उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर IED (improvised explosive device) का विस्फोट कराया था. यह विस्फोट पिछले साल अक्टूबर में किया गया था. बता दें कि हल्द्वानी में ही अवैध मदरसे का अतिक्रमण हटाने के विरोध की आड़ में बनभूलपुरा के सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, जिन्होंने इस पहाड़ी राज्य को बुरी तरह दहला दिया था. बनभूलपुरा के दंगों की जांच के दौरान भी इन्हें पहले से योजना बनाकर अंजाम देने की बात सामने आई थी. दंगों के बाद प्रभावित मुस्लिम इलाकों में कुछ लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर पैसे बांटने की भी बात सामने आई थी. ऐसे में अब यह जांच भी की जा रही है कि कहीं इस दंगे के पीछे भी ISIS का हाथ तो नहीं था?

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