इसरो ने लॉन्च किया PSLV-C52 सैटेलाइट, जानें क्या होगा फायदा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 14, 2022, 09:54 AM IST

isro launches pslv c52 satellite eos 04 into space successfully on valentines day

इसरो (ISRO) ने सोमवार को मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया.  

डीएनए हिंदीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वैलेंटाइन डे (valentines day) पर PSLV-C52 ऑर्बिटल मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर देश को खास भेंट दी है. सोमवार सुबह 5:59 बजे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सैटेलाइट को लॉन्च किया गया. इस मिशन में तीन सैटेलाइट को एक साथ अंतरिक्ष में भेजा गया है. इसमें से एक EOS-04 रडार इमेजिंग है. 

ऐसे अंतरिक्ष में पहुंची सैटेलाइट
PSLV-C52 ने EOS-04 सैटेलाइट को Sun Synchronous orbit में पहुंचाया है. यह PSLV की 54वीं उड़ान है. PSLV 44.4 मीटर लंबा रॉकेट है. इसने अंतरिक्ष तक की अपनी यात्रा चार स्टेज में पूरी की. इसे लॉन्च करने के लिए पहले स्टेज में ठोस इंधन का इस्तेमाल प्रोपेलेंट के रूप में हुआ. दूसरे में लिक्विड, तीसरे स्टेज में ठोस और चौथे स्टेज में लिक्विड इंधन का इस्तेमाल हुआ. करीब 33  मिनट में रॉकेट 538.27 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा.

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अंतरिक्ष में भेजे गए ये सैटेलाइट

EOS-04: यह एक राडार इमेजिंग सैटेलाइट है। इसे हर तरह के मौसम में हाई क्वालिटी तस्वीर लेने के लिए डिजाइन किया गया है. इन तस्वीरों का इस्तेमाल खेती, वन विज्ञान, वृक्षारोपण, बाढ़ नियंत्रण, जमीन की नमी और जल विज्ञान जैसे क्षेत्र में होगा. यह 10 साल तक काम करता रहेगा.  

INS-2TD: इस सैटेलाइट को खास तौर पर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए तैयार किया गया है. यह भारत-भूटान संयुक्त उपग्रह (INS-2B) का अग्रदूत है. इसमें थर्मल इमेजिंग कैमरा लगा है. इस कैमरा से ली गई तस्वीर से जमीन और पानी के सतह के तापमान का पता चलेगा. इसका इस्तेमाल फसलों और वनों के प्रबंधन में भी हो सकता है.  

INSPIREsat-1: यह कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर में वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी की प्रयोगशाला के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) का एक छात्र उपग्रह (INSPIREsat-1) है. यह सिर्फ एक साल तक काम करेगा. 

इसरो सैटेलाइट ISRO Satellite PSLV