Sex Workers को राशन, वोटर कार्ड मुहैया कराएं: Supreme Court

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 15, 2021, 09:25 AM IST

Supreme Court ने कहा, 'मौलिक अधिकार सबके लिए'

सुप्रीम कोर्ट ने Sex Worker's को वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड मुहैया कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि मौलिक अधिकार सभी नागरिकों के लिए हैं.

डीएनए हिंदी: Supreme Court ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए Sex Workers के लिए तत्काल राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड (Voter ID) मुहैया कराने का निर्देश दिया है. एनजीओ दरबार महिला समन्वय समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि मौलिक अधिकार सभी नागरिकों के लिए हैं. याचिकाकर्ता ने Covid-19 महामारी की वजह से यौन कर्मियों को होने वाली परेशानियों का हवाला दिया था. 

तीन जजों की बेंच ने कार्रवाई नहीं होने पर जताई नाराजगी
जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस बी.वी. नागरत्न ने याचिका पर सुनवाई की. तीन जजों की बेंच ने 2011 में यौन कर्मियों को राशन कार्ड जारी करने का आदेश देने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की. पीठ ने कहा, ''करीब एक दशक पहले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को इसके लिए निर्देश दिए गए थे. 10 साल बीतने को हैं और कोई कारण नहीं है कि अब तक इस आदेश को लागू नहीं किया गया.''

पढ़ें: पूर्व CJI Ranjan Gogoi ने आत्मकथा में खोले राज, अपने एक फैसले पर जताई निराशा

'देश के हर नागरिक के लिए हैं मौलिक अधिकार'
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मौलिक अधिकारों पर भी टिप्पणी की. पीठ ने कहा, ''मौलिक अधिकार सभी नागरिकों के लिए हैं और यह समान रूप से लागू होते हैं. भले ही किसी का नागररिक का पेशा कुछ भी हो, मूल अधिकार उनके लिए भी हैं.  केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार को तत्काल वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया जाता है.''

निर्देश को लागू करने के लिए दिया 4 हफ्ते का समय 
इन निर्देशों को लागू करने के लिए पीठ ने 4 हफ्ते का समय दिया है. साथ ही, कोर्ट ने नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से भी सहायता लेने का सुझाव दिया. कोर्ट ने कहा कि नैको से समुदाय आधारित संगठनों की सूचना और यौन कर्मियों की सूची तैयार करने में मदद ली जा सकती है. 

सुप्रीम कोर्ट वोटर कार्ड राशन कार्ड