Rajasthan News: यदि कोई आपसे कहे कि मैं रोबोट से शादी करने जा रहा हूं तो आप सोचेंगे कि ये मजाक कर रहा है, लेकिन हम जो आपको बता रहे हैं वो सच है. राजस्थान के सीकर जिले के सूर्य प्रकाश समोता जल्द ही GIGA नाम की फीमेल रोबोट से शादी करने जा रहे हैं. सूर्य प्रकाश ने 22 मार्च को इस रोबोट से सगाई भी कर ली है. यदि आपको यह पढ़कर सूर्य प्रकाश पागल लग रहे हैं तो बता दें कि सूर्य ने रोबोटिक्स से ही आईटी इंजीनियरिंग की है और वे अपनी इस शादी को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं.
फिल्म में दिख चुकी है ऐसी कहानी
सूर्य प्रकाश की लव स्टोरी हाल ही में आई एक फिल्म 'Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya' जैसी है, जिसमें रोबोटिक्स इंजीनियर का रोल कर रहे शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) को महिला रोबोट से प्यार हो जाता है और वे उससे शादी करने के लिए मंडप भी सजा लेते हैं. फिल्म में क्या हुआ था, वो जानने के लिए तो आपको खुद ही फिल्म देखनी होगी, लेकिन सूर्य प्रकाश की स्टोरी हम आपको बता सकते हैं.
19 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं अब तक गीगा पर सूर्य
सीकर के ढाणी डेरावाली (श्रीमाधोपुर) निवासी सूर्य अपनी शादी को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं और सही तारीख का चुनाव कर रहे हैं. वे अब तक गीगा को बनाने और इसे प्रोग्राम करने में 19 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्य ने बताया है कि गीगा को तमिलनाडु में बनाया गया है और इसे और ज्यादा एडवांस्ड बनाने के लिए इसकी प्रोग्रामिंग दिल्ली में हो रही है, जिस पर करीब 5 लाख रुपये का खर्च आएगा.
गीगा घर में मेहमानों का करती है स्वागत
गीगा में अब तक जितनी प्रोग्रामिंग हुई है, उसमें वह घर आने वाले मेहमानों का स्वागत करती है और उन्हें पानी के लिए पूछती है. अपडेट प्रोग्रामिंग से इसमें और कई फीचर जुड़ जाएंगे. फिलहाल अंग्रेजी में बात करने वाली गीगा फिर हिंदी में भी काम करेगी. गीगा में करीब आठ घंटे बैटरी बैकअप है, जिसमें यह मेहमानों से हाय-हैलो करने के अलावा उनसे पानी पूछना और पानी गिलास में भरकर सर्व करने जैसे काम कर सकती है.
परिवार भी है इस अनूठे विवाह के लिए तैयार
सूर्य का परिवार पहले तो उनके रोबोट से शादी करने के फैसले के पक्ष में नहीं था, लेकिन बाद में मान गया है. सूर्य का दावा है कि उनके परिवार के सभी लोग शादी में शामिल होंगे और विवाह के सभी विधि-विधान पूरे किए जाएंगे.
बचपन से था रोबोटिक्स का शौक, इजरायली सेना में जाने का सपना
सूर्य प्रकाश के मुताबिक, उन्हें बचपन से ही रोबोट पसंद हैं. उन्होंने परिवार की इच्छा पर सेना में जाने के लिए तैयारी की और नेवी में सलेक्ट हो गए, लेकिन बाद में परिवार ने उन्हें अपनी इच्छा पूरी करने की इजाजत दे दी. इसके बाद उन्होंने अजमेर के सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रोबोटिक्स में करियर बनाना शुरू किया. सूर्य अब तक 450 रोबोटिक्स प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं, जिनमें कोरोनाकाल में जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में मरीजों को दवा व खाना देने वाले रोबोट भी शामिल हैं. सूर्य का सपना इजरायली सेना में काम करने का है, क्योंकि वहां रोबोटिक्स पर सबसे ज्यादा काम होता है. वहां से नई तकनीक सीखकर वे वापस भारत लौटकर यहां इंडियन आर्मी के लिए एडवांस्ड प्रोजेक्ट्स बनाना चाहते हैं.
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