डीएनए हिंदी: Pakistan Crisis- पाकिस्तान में बदहाली के हालात हैं. अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है. महंगाई दर चरम स्तर पर है. नतीजतन खाने-पीने की चीजों तक के दाम कई सौ गुना तक बढ़ चुके हैं. अर्थव्यवस्था संकट (Pakistan Economy Crisis) से निकलने के लिए पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने आर्थिक मदद की 'भीख का कटोरा' फैला रहा है. ऐसे में भारत अपने पड़ोसी और 75 साल पहले तक अपना एक हिस्सा रहे देश की मदद क्यों नहीं कर रहा है? इस सवाल का जवाब बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने एक तंज के साथ दिया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो देश आतंकवाद को उद्योग बना ले. वह कभी समृद्ध और अमीर नहीं हो सकता है.
एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में कही ये बात
जयशंकर ने एशिया इकोनॉमिक डायलॉग (Asia Economic Dialogue) में कहा, कोई भी देश संकट के हालात से बाहर नहीं निकल सकता और समृद्ध ताकत नहीं बन सकता, यदि उसकी बेसिक इंडस्ट्री आतंकवाद है. इस कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय ही कर रहा है.
भारत क्यों नहीं देगा मदद, इसका दिया जवाब
जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत पाकिस्तान की मदद करेगा तो उन्होंने कहा, आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में मूलभूत मुद्दा है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा,यदि मैं किसी बड़े निर्णय के बारे में सोचूं, जो मैं ले सकता हूं तो मुझे जन भावनाओं को भी देखना होगा. मुझे वह नब्ज पकड़नी होगी, जो बता सके कि मेरे लोग इस बारे में क्या सोचते हैं और मेरे हिसाब से आप जवाब जानते हैं.
पहले भी दे चुके हैं पाकिस्तान को चेतावनी
यह पहला मौका नहीं है, जब जयशंकर ने पाकिस्तान को अपनी हरकतों में सुधार लाने की चेतावनी दी है. इससे पहले विदेश मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान का भविष्य बहुत हत तक उसकी अपनी हरकतों और इच्छाओं पर निर्भर करेगा. यही एक तरीका है, जिसे तलाशकर पड़ोसी देश अपने आर्थिक संकट से बाहर निकल सकता है.
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