Jammu and Kashmir में कब होंगे Assembly Elections, जानिए इलेक्शन कमीशन ने क्या कहा

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Mar 16, 2024, 10:18 PM IST

Jammu Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने उसे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया था, लेकिन वहां दिल्ली की तरह विधानसभा चुनाव हुआ करेंगे.

Jammu Kashmir Assembly Elections: देश में लोकसभा चुनावों की तारीख (Lok Sabha Elections 2024 Dates) घोषित कर दी गई है. भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को देश में 19 अप्रैल से 1 जून तक लोकसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा की. इस दौरान जम्मू-कश्मीर के लिए एक और बड़ी खबर सामने आई है, जिसका इंतजार वहां के राजनेताओं से लेकर आम जनता तक हर कोई कर रहा है. यह खबर है जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने की. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) ने लोकसभा चुनावों की घोषणा करने के दौरान ही इस बात की भी जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब कराए जाएंगे. CEC ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित की जाएगी.' इसे जम्मू-कश्मीर के लिए बड़ी खबर माना जा रहा है, क्योंकि वहां निर्वाचित सरकार का शासन लागू करने की मांग हर कोई लगातार कर रहा है.

लोकसभा के साथ ही क्यों नहीं हो रहे विधानसभा चुनाव?

देश में लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी कराए जा रहे हैं. जब CEC से यह सवाल पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में भी इसी तरह दोनों चुनाव एकसाथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'सुरक्षा से जुड़ी चिंता इस बात की राह में मुख्य बाधा है. चुनाव आयोग ने इस समय एकसाथ चुनाव कराना उचित नहीं पाया है.' उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि आयोग वहां चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है. हम लोकसभा चुनाव के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करेंगे.'

विस्तार से बताया कैसे है एकसाथ चुनाव में दिक्कत

राजीव कुमार ने विस्तार से यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में एकसाथ चुनाव कराने में क्या दिक्कत है? कुमार ने कहा, ' जम्मू-कश्मीर के सभी दलों ने लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराने की इच्छा जाहिर की थी. इस साझा भावना के बावजूद लॉजिस्टिकल चैलेंज एक साथ चुनाव में अहम बाधा है. हर विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या औसतन 10 से 12 के बीच रहती है, जिनके लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करने होंगे. मौजूदा हालात में 1,000 कैंडिडेट्स को संभाल पाना बेहद मुश्किल काम है.

इस समय उपलब्ध नहीं थी बहुत ज्यादा रिजर्व फोर्स

कुमार ने कहा, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का रास्ते हमारे लिए कानूनी तौर पर 23 दिसंबर से खुला हुआ है. हमारी प्रशासनिक बैठक में वहां चुनाव कराने के लिए बड़ी संख्या में रिजर्व फोर्स की जरूरत होने की बातसामने आई. पूरे देश में एकसाथ चुनाव चलने के समय एक विशेष राज्य में इतनी ज्यादा रिजर्व फोर्स जुटाने में बेहद कठिनाई हो रही थी. आकलन के बाद इतनी बड़ी मात्रा में अतिरिक्त बल एकत्र कर पाना नहीं हो पाया लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम देर लगाएंगे.'

जम्मू-कश्मीर में हर सीट के लिए अलग चरण में है लोकसभा चुनाव भी

राजीव कुमार ने इस बात के बारे में भी विस्तार से बताया है कि महज 5 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनावों को भी 5 चरणों तक क्यों खींचा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 2 मई, 7 मई, 13 मई को पांच चरण में चुनाव होंगे. राजीव कुमार ने कहा,'वहां एकसाथ सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव कराने में सुरक्षा इंतजाम के चलते मुश्किल हो रही है. सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखते हुए एक चरण में एक ही सीट पर मतदान कराने का फैसला लिया गया है.

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