Jammu-Kashmir: मुदस्सिर शेख के पिता ने नम आंखों से दिया बड़ा बयान बोले- देश के लिए कुर्बान सभी बच्चे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 01, 2022, 08:40 PM IST

Jammu Kashmir पुलिस में इस वक्त मुदस्सिर की शहादत के चलते शोक की लहर है लेकिन उनके पिता ने इस शहादत पर एक भावुक कर देने वाला बयान दिया है.

डीएनए हिंदी: आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलिसकर्मी मुदस्सिर शेख शहादत ने जम्मू-कश्मीर पुलिस में सभी पुलिस रैंकों को एक बार फिर शोक में डाल दिया है लेकिन साथ ही उन्हें इस बात पर भी गर्व है कि मुदासिर पिछले लंबे वक्त से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते रहे हैं और लड़ते हुए ही शहीद हो गए. 

लड़ते-लड़ते हुए शहीद 

दरअसल, करेरी बारामूला में शहीद हुए Jammu-Kashmir के पुलिसकर्मी मुदस्सिर साहस और ताकत की मिसाल थे. मुदासिर शेख ने आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी और गोली लगने से पहले ही उसने एक आतंकवादी को मार गिराया. मुदस्सिर उत्तरी कश्मीर के उरी इलाके से थे; वह पुलिस पुलिसकर्मी की नौकरी करने से पहले स्वास्थ्य विभाग के साथ एक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे. वह अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करना चाहते थे. उनके सोशल नेटवर्क वीडियो ने हमेशा लोगों और उनके राष्ट्र के लिए उनके प्यार और करुणा को दिखाया.

कुर्बान कर देंगे सारे बच्चे 

मुदस्सिर के पिता भी Jammu-Kashmir में एक पूर्व पुलिस अधिकारी थे और मुदस्सिर की शहादत पर पूरे परिवार ने इस त्रासदी से निपटने के लिए अपार शक्ति दिखाई है. उनके पिता का कहना है कि वह देश के लिए अपने सभी बच्चों की कुर्बानी दे सकते हैं.  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बारामूला रईस मुहम्मद का कहना है कि मुदस्सिर को बिंदास के नाम से जाना जाता था. यह हमारे लिए बहुत बड़ी त्रासदी है." बिंदास हमेशा मिशन के लिए तैयार रहते थे, उनकी आंखों में वह चमक थी. वह हर काम के लिए हमेशा तैयार रहते थे. वह सभी ऑपरेशनों के लिए स्वेच्छा से काम करने वालों में थे.'

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पुलिस प्रशासन की क्षति

मुदस्सिर के इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि वह साहस का एक उदाहरण थे और वह जो कुछ भी करेगा वह पूरे समर्पण के साथ होगा. इनमें से बहुत से पड़ोसियों का कहना है कि इन सीमावर्ती क्षेत्रों में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. मुदस्सिर 26 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में शामिल हुए थे, जो हमेशा किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार रहते थे. इसके चलते उनके वरिष्ठ अधिकारी उनकी शहादत को पुलिम महकमें के लिए क्षति बता रहा है.

(इनपुट- खालिद हुसैन)

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