J-K: पाकिस्तान के कहने पर गढ़े थे रेप के झूठे सबूत, सुलग गया था शोपियां, अब बर्खास्त हुए 2 डॉक्टर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 22, 2023, 03:46 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर.

दो डॉक्टरों ने पाकिस्तान के इशारे पर गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की थी. अब उन पर गाज गिरी है.

डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए काम करने की वजह से 2 सरकारी डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है. डॉक्टर बिलाल अहमद और डॉ. निघत शाहीन चिल्लो ने दो लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर की थी. शोपियां की आसिया और नीलोफर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कथित तौर पर हेराफेरी करने के आरोप में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक्शन लिया है.

शोपियां बलात्कार और हत्या का मामला तब सामने आया जब दो ननदें, आसिया (17) और नीलोफर (22), 29 मई, 2009 को अपने घर के रास्ते में अपने बगीचे से लापता हो गईं थीं. अगले दिन सुबह, उनकी लाश मिली थी. दोनों की लाशें रहस्यमयी परिस्थितियों में मिली थीं.

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डूबकर हुई थी मौत, बताया रेप का केस

14 साल बाद प्रशासन ने दो डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लिया है. प्रशासन का कहना है कि इन्होंने आसिया और नीलोफर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए पाकिस्तान के साथ साजिश रची थी. इनकी मौत 29 मई 2009 को दुर्घटनावश डूबने से मौत हो गई थी. 
 

पाकिस्तान के इशारे पर तैयार की थी झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट

समाचार एजेंसी ANI ने जम्मू-कश्मीर सरकार के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान के इशारे पर झूठी पोस्टमार्टम रिपोर्ट इन्होंने तैयार की थी. दोनों का मकसद सुरक्षाबलों पर रेप का झूठा आरोप लगाकर राज्य के खिलाफ असंतोष पैदा करना था. जांच में यह बात सामने आई कि इन अधिकारियों को सही तथ्यों के बारे में पता था, इनकी वजह से कश्मीर में हिंसा भड़क गई थी.

42 दिनों तक बंद था कश्मीर

सुरक्षाबलों पर इस पोस्टमार्टम के बाद रेप के गंभीर आरोप लगे. रेप के बाद हत्या की बात पूरे शोपियां में फैल गई. इस मामले को लेकर कश्मीर में 42 दिनों तक बंद की स्थिति थी. CBI ने इस केस की छानबीन की तो कुछ और तथ्य सामने आए. जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था.

अधिकारियों ने कहा कि दो डॉक्टरों डॉ. बिलाल अहमद दलाल और डॉ. निघत शाहीन चिल्लू को पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने और शोपियां की आसिया और नीलोफर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए साजिश रचने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं की 29 मई 2009 को डूबने से मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि दोनों डॉक्टरों का मकसद सुरक्षा बलों पर बलात्कार और हत्या का झूठा आरोप लगाकर लोगों में असंतोष पैदा करना था. 

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