जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए 'सर्जिकल ऑपरेशन' को तैयार सुरक्षाबल 

कृष्णा बाजपेई | Updated:Nov 29, 2021, 01:06 PM IST

नागरिकों के हत्यारे आतंकियों का खात्मा करने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकियों को चुन-चुन कर मारने के लिए 'सर्जिकल ऑपरेशन' चलाएंगे.

डीएनए हिंदीः जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटने के बाद आम नागरिकों की निश्चिंतता भंग करने के लिए आतंकवादी लगातार उन पर ही हमले कर रहे थे. इसके चलते अब सुरक्षाबल एक महीने के सफल ऑपरेशंस के बाद उन सभी आतंकियों का खात्मा कर चुके हैं जो कि आम नागरिकों के हत्यारे थे. यही सुरक्षाबल राज्य में ढूंढ-ढूंढ कर आतंकियों की समाप्ति के लिए 'सर्जिकल ऑपरेशन' शुरु करने वाले हैं जिससे आतंकियों के खौफ का समूल नाश हो सके. 

सर्जिकल ऑपरेशन की शुरुआत 

जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल एवं स्थानीय पुलिस के जवान लगातार उन आतंकियों के खात्मे में लगे थे जो कि राज्य के आम नागरिकों एवं कामगारों को निशाना बना रहे थे. अब सुरक्षाबलों के ऑपरेशन जब कामयाब हो चुके हैं तो उन्होंने आतंकियों के अंत के लिए दूसरे चरण के ऑपरेशंस की शुरुआत कर दी है जिसका आधार 'सर्जिकल ऑपरेशन' है. इसमें आतंकियों की छोटी-से-छोटी गतिविधि को भी मॉनिटर किया जाएगा और सटीक हमले की योजना बनाई जाएगी. 
 
कम नुकसान होगी प्राथमिकता

अमूमन नागरिकों को बंधक बनाने वाले आतंकियों को मारने की जुगत में जान-माल की भी हानि होती है. इसके चलते सुरक्षाबलों को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. इन सभी से बचने एवं कम नुकसान को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षाबल खुफिया एजेंसियों एवं पुलिस के साथ विशेष कॉर्डिनेशन की प्लानिंग कर रहे हैं.

इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने कहा, "आतंकवाद से निपटने के लिए एक "रिफाइन्ड" दृष्टिकोण जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सेना के बीच बेहतर समन्वय को एक अधिक सूक्ष्म ढांचे के तहत रखा गया है. इसका उद्देश्य आतंकवाद से होने वाली क्षति को कम करना है."

पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है खेल 

सुरक्षाबलों के अनुसार आतंकियों को पाकिस्तान से निर्देश मिले हैं कि ऑपरेशंस में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो. इसके चलते सेना एवं सुरक्षाबलों द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है. इस मामले मे सुरक्षाबलों के सूत्रों ने कहा, "पिछले तीन वर्षों में, सुरक्षा बलों ने नागरिकों की रक्षा के लिए कई उपाय किए और इस तरह के प्रयासों के परिणामस्वरूप ऑपरेशंस में केवल दो नागरिक ही मारे गए और दो को मामूली चोटें आईं."

पाकिस्तान के इसी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए सुरक्षा बलों का ध्यान मुख्य तौर पर आम नागरिकों की जान बचाना है. इसी का नतीजा है कि अब हत्यारे आतंकियों को ठिकाने लगाने के बाद सुरक्षाबल 'सर्जिकल ऑपरेशन' का विकल्प अपना रहे हैं जो कि आतंकियों के लिए 'काल' का पर्याय होगा. 

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