डीएनए हिंदी: Jet Airways Crisis Updates- देश की सबसे नामी एयरलाइंस में से एक रही जेट एयरवेज का संकट और ज्यादा बढ़ गया है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने बुधवार को जेट एयरवेज और उसके पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल के परिवार की संपत्ति जब्त कर ली है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट- 2002 (PMLA 2002) के तहत की गई कार्रवाई में कुल 538.05 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. ED ने यह कार्रवाई नरेश गोयल और उसकी पत्नी व चार कंपनियों के खिलाफ मंगलवार को केनरा बैंक घोटाले में चार्जशीट दाखिल करने के एक दिन बाद की है. जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को ईडी ने सितंबर में इस मामले में गिरफ्तार किया था. उन पर एयरलाइंस के नाम पर लिए कर्ज को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर करने का आरोप है. फिलहाल नरेश गोयल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है.
17 फ्लैट-बंगले व कॉमर्शियल स्पेस किए हैं जब्त
ईडी ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल व बेटे निवान गोयल समेत उनसे जुड़ी कंपनियों मैसर्स जेटएयर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स जेट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड आदि की संपत्तियां जब्त की हैं. ईडी ने बुधवार को एक रिलीज के जरिये इस कार्रवाई की जानकारी दी है. जब्त की गई संपत्ति में कुल 17 आवासीय फ्लैट, बंगले व कॉमर्शियल स्पेस जब्त शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 538.05 करोड़ रुपये आंकी गई है. ये संपत्तियां भारत के कई राज्यों के अलावा लंदन और दुबई में जब्त की गई हैं.
CBI जांच के आधार पर शुरू हुई थी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
केनरा बैंक के लिखित शिकायत देने पर सीबीआई ने नरेश गोयल, उनके परिवार और JIL के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड कर जांच शुरू की थी. इस FIR के आधार पर ही इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. केनरा बैंक ने JIL और उसके प्रमोटर्स व डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और क्रिमिनल मिसकंडक्ट की शिकायत की थी. केनरा बैंक ने JIL को 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये अभी बकाया है.
क्या मिला जांच में ईडी को
ईडी ने अपनी रिलीज में बताया है कि जांच के दौरान सामने आया कि JIL ने SBI और PNB की अध्यक्षता वाले बैंक समूह से मिले कर्जों को दूसरी जगह साइफन किया है. ईडी ने फंड डायवर्टिंग का आरोप नरेश गोयल पर लगाया है. ईडी ने कहा, नरेश गोयल ने बड़े पैमाने पर आर्थिक घोटाला किया है. उन्होंने JIL को मिले फंड्स को अतार्किक तरीके से व बढ़े हुए जनरल सेल्स एजेंट (GSA) कमीशन, विभिन्न पेशेवरों व सलाहकारों को किए अस्पष्ट भुगतान, जेटलाइट लिमिटेड (एयर सहारा के 100 फीसदी अधिग्रहण करने से बनी सहायक कंपनी) को कर्ज देने आदि की आड़ में सिस्टमेटिक्ली डायवर्ट कर दिया. साथ ही बाद में बैलेंस शीट में इन कर्जों को बट्टे खाते में डाल दिया गया. इस फंड का इस्तेमाल नरेश गोयल और उसके परिवार ने अपने निजी खर्चों व निवेश के लिए किया.
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