Jhansi Medical College Tragedy: योगी सरकार ने बनाई 4 मेंबर्स की कमेटी, 7 दिन में देगी जांच रिपोर्ट, क्या नर्स की माचिस से लगी आग?

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Nov 16, 2024, 08:31 PM IST

Jhansi Medical College Tragedy: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात को चिल्ड्रन वार्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई है. इसे लेकर पूरा दिन राजनीतिक हंगामा मचा रहा है. अब प्रदेश सरकार ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है.

Jhansi Medical College Tragedy: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत पर हंगामा मचा हुआ है. शुक्रवार रात हुई इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने इसकी हाई लेवल जांच कराने का निर्णय लिया है. शनिवार शाम को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक (DG Medical Education) के नेतृत्व में 4 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो इस मामले की जांच करेगी. प्रदेश स्वास्थ्य विभाग (Uttar Pradesh Health Department) की यह कमेटी 7 दिन में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. कमेटी वार्ड में आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच करेगी. हालांकि यह तय नहीं है कि कमेटी प्रत्यक्षदर्शियों का नर्स के माचिस जलाने से आग लगने के दावे की भी जांच करेगी या नहीं.

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इन लोगों को शामिल किया गया है कमेटी में
मेडिकल कॉलेज में लगी आग की जांच के लिए कमेटी गठित करने का आदेश प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य) पार्थ सारथी शर्मा ने जारी किया है. इस कमेटी में डीजी हेल्थ एजुकेशन के अलावा, निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, अपर निदेशक विद्युत चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं और डीजी अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी शामिल होंगे. कमेटी का अध्यक्ष डीजी हेल्थ एजुकेशन को बनाया गया है. 

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इन 3 पॉइंट पर होगी जांच
कमेटी को जांच के लिए तीन पॉइंट्स दिए गए हैं. यह कमेटी इन तीन पॉइंट्स के इर्द-गिर्द जांच करेगी. ये पॉइंट्स निम्न हैं-

  1. आग लगने का प्राथमिक कारण क्या है?
  2. किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोषी पहचान.
  3. भविष्य में ऐसी घटनाओं के बचाव हेतु सिफारिशें.

नर्स की माचिस से आग लगने का किया गया है दावा
झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग के लिए अब तक शॉर्ट सर्किट को कारण बताया जा रहा है, लेकिन अब कुछ प्रत्यक्षदर्शी सामने आए हैं, जिन्होंने आग लगने के लिए नर्स की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग को लेकर हमीरपुर निवासी भगवान दास ने जी न्यूज से बातचीत में यह दावा किया है. भगवान दास का कहना है कि मेरा बेटा अस्पताल में भर्ती था, जिस कारण घटना के समय मैं वहीं था. एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर की पाइप जोड़ते समय माचिस जलाई थी, जिसके बाद पूरे वार्ड अचानक आग लग गई. अफरातफरी के बीच मैंने  3-4 बच्चों को अपने गले में बंधे कपड़े में लपेटकर उनकी जान बचाई और फिर अन्य बच्चों को बचाने के लिए लोगों की मदद भी की. इस दावे को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है.

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16 बच्चे जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं झांसी हादसे में
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में शुक्रवार रात 10.45 बजे भीषण आग लगी थी. इस आग में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई, जबकि करीब 16 बच्चे घायल हो गए. घायल बच्चे अब भी जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं. PTI ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के हवाले से बताया है कि हादसे के समय वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. आरोप है कि अस्पताल में एक्सपायर अग्निशामक यंत्र लगे हुए थे, जिसके चलते आग समय पर नहीं बुझाई जा सकी. हालांकि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. 

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