झारखंड: चंपई सोरेन सरकार फ्लोर टेस्ट में पास, ऐसे बचाई JMM ने सरकार

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Feb 05, 2024, 02:52 PM IST

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन.

चंपई सोरेन सरकार के पक्ष में कुल 47 वोट पड़े, वहीं विपक्ष को कुल 29 वोट मिले हैं.

झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन सरकार सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है. उनकी सरकार के पक्ष में कुल 47 वोट पड़े हैं, वहीं विपक्ष में 29 वोट पड़े हैं. फ्लोर टेस्ट में झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन सरकार ने बहुमत साबित कर दिया है.

चंपई सोरेन ने फ्लोर टेस्ट से पहले हुए संबोधन में कहा था कि वे हेमंत सोरेन पार्ट 2 हैं. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हुई वोटिंग में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरकार के पक्ष में कुल 47 वोट पड़े. यह संख्या बहुमत के आंकड़ों से 7 ज्यादा है.

सदन में राज्यपाल पर फूटा JMM विधायकों का गुस्सा
वोटिंग से पहले जैसे ही राज्यपाल ने अभिभाषण देना शुरू किया लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए.

राज्यपाल के लगभग 35 मिनट के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस और JMM के विधायकों ने हेमंत सोरेन के समर्थन में लगातार नारेबाजी की. राज्यपाल हंगामे के बीच असहज नजर आए.

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फ्लोर टेस्ट में वोटिंग करने जेल से आए हेमंत सोरेन
कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने अभिभाषण शुरू होने के पहले आरोप लगाया कि झारखंड में जनता की चुनी सरकार को केंद्र सरकार के इशारे पर हटाया गया है. हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा से विधायक हैं.

मीडिया से बातचीत की नहीं थी इजाजत
हेमंत सोरेन जेल से फ्लोर टेस्ट में वोट देने आए थे. वे विधानसभा में पक्ष की ओर चंपई सोरेन के बगल में बैठे थे. स्थानीय कोर्ट ने उन्हें एक घंटे के लिए सदन में उपस्थित होने की इजाजत दी थी. अदालत ने उन्हें आदेश दिया था कि वे मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे.

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कैसे सरकार बचा ले गए चंपई सोरेन
पहले ऐसे दावे किए जा रहे थे कि चंपई सोरेन अपनी सरकार नहीं बचा पाएंगे. झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के तीन विधायक सीता सोरेन, लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा नाराज नजर आ रहे थे, हालांकि उन्हें भी चंपई सोरेन मना ले गए. 

रिजॉर्ट ने बचा ली सरकार
JMM ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए 3 दिनों तक हैदराबाद के रिजॉर्ट में रखा था. सभी विधायक रविवार शाम हैदराबाद से वापस रांची आए थे. सोमवार को सभी विधायक एक साथ सदन में पहुंचे थे. 

और ऐसे बची चंपई सरकार
विश्वास मत पर वोटिंग के साथ ही सदन की कार्यवाही अब मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. मंगलवार को सदन के दो दिवसीय विशेष सत्र का आखिरी दिन है. मुश्किल में फंसने के बाद भी झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो गई है.

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