Jharkhand: 1 अप्रैल से बगैर लाइसेंस नहीं बिकेंगे तंबाकू प्रोडक्ट्स, नियमों के उल्लंघन पर की जाएगी सख्त कार्रवाई

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 01, 2022, 07:47 PM IST

एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि झारखंड में 50.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं.

डीएनए हिंदी: झारखंड के शहरी क्षेत्रों में आगामी 1 अप्रैल से बगैर लाइसेंस के तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं की जा सकेगी. राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में तंबाकू विक्रेताओं के लिए वेंडर लाइसेंसिंग की प्रक्रिया अनिवार्य रूप से लागू कर दी गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant soren) की सहमति के बाद नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे के हस्ताक्षर से इस संबंध में आदेश जारी किया जा चुका है.

नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
इसके अलावा जिन दुकानों के पास तंबाकू उत्पाद का लाइसेंस होगा, वहां टॉफी, कैंडी, चिप्स, पेय पदार्थ या किसी भी तरह के फूड आइटम की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. इसका उल्लंघन करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. नगर विकास विभाग की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर 18 साल से कम उम्र के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचते हुए पकड़ा गया तो सात साल की कैद की सजा हो सकती है. साथ ही एक लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा.

वेंडरों को लाइसेंस देने के लिए शुरू किया जा रहा अभियान 
सरकार ने ये नए नियम झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003, खाद्य संरक्षण अधिनियम 2008 एवं किशोर न्याय बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत बनाए हैं. सरकार के आदेश के बाद विभिन्न नगर निगमों, नगरपालिकाओं में तंबाकू बेचने वाले वेंडरों को लाइसेंस देने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है.

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नए आदेश के अनुसार-

भारत सरकार ने इन उत्पादों का विक्रय करने के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को अपनाने का सुझाव दिया था, इसी आलोक में राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है.

बता दें कि एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि झारखंड में 50.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में 63.6 प्रतिशत पुरुष और 35.9 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं.

(इनपुट- आईएएनएस)

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