डीएनए हिंदी: झारखंड में एक ऐसा धनकुबेर सामने आया है, जिसके घर से मिले पैसे गिनने में आयकर विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट जा रहे हैं. अलमारियों के अंदर नोटों के इतने बंडल हैं जिन्हें गिना नहीं जा सकता है. पैसे गिनने की कई मशीनें लगी हैं लेकिन 3 दिन लगातार मेहनत करने के बाद भी पैसे गिने नहीं जा सके हैं.
अलमारियों के अंदर नोटों के बंडलों की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं. नोट गिनने की मशीनें भी बेदम हो जा रही हैं. आयकर विभाग ने झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी की. तीन दर्जन गिनने वाली मशीनें पैसे गिन रहीं थीं लेकिन फिर भी पूरी रकम नहीं गिन पाईं.
यह छापेमारी ओडिशा स्थित डिस्टिलरी समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ शुरू की गई थी. झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू का इस मामले में नाम सामने आया है. कांग्रेस सांसद ने बुधवार को शुरू हुई छापेमारी और नोटों की गिनती अभी भी जारी होने पर कुछ भी नहीं कहा है.
अधिकारियों के मुताबिक कुल राशि ₹200 करोड़ से अधिक होगी. यह रकम बलांगीर जिले में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के परिसर से अलमारियों में छिपाकर पाई गई थी. छापे के दायरे में आने वाले अन्य स्थान ओडिशा के संबलपुर और सुंदरगढ़, झारखंड के बोकारो और रांची में थे.
इसे भी पढ़ें- राज्य तीन, चेहरे अनेक, आखिर BJP के लिए मुख्यमंत्री चुनने में क्यों आ रहीं मुश्किलें?
कौन हैं धीरज साहू, जिन्हें बीजेपी बता रही कांग्रेस का धनकुबेर
धीरज साहू बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से जुड़े हैं. यह बौध डिस्टिलरीज ग्रुप का हिस्सा है. धीरज साहू साल 2010 से झारखंड से राज्यसभा में कांग्रेस सांसद हैं. धीरज एक बिजनेसमैन हैं और उनका परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा हुआ है.
धीरज साहू का जन्म 23 नवंबर 1955 को रांची में हुआ था. उनके पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है. उनकी मां का नाम सुशीला देवी है. वह तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं. पहली बार साल 2009 में धीरज साहू राज्य सभा सांसद बने थे. जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए. वे तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए. वह लो प्रोफाइल रहते हैं लेकिन धनकुबेर हैं.
इसे भी पढ़ें- राजस्थान में राजनाथ, MP में खट्टर को कमान, BJP ने तीनों राज्यों में पर्यवेक्षकों के नाम का किया ऐलान
उनका परिवार आर्थिक तौर पर बेहद मजबूत रहा है. वे व्यापारी परिवार के हैं. धीरज साहू के पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से आते थे. वह स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं. उनका परिवार पुराना कांग्रेसी है. वे साल 1977 से ही राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से स्नातक किया है. वह झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं. चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 34.83 करोड़ रुपये हैं. उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था.
बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस को जमकर घेरा
पीएम मोदी ने जैसे ही ट्वीट किया, जिनके बाद आईटी छापे को लेकर कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर आ गई है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'देशवासियों को इन नोटों के ढेर को देखना चाहिए और फिर अपने नेताओं के ईमानदार भाषणों को सुनना चाहिए. जनता से जो भी लूटा गया है, उसका एक-एक पैसा वापस करना होगा. यह मोदी की गारंटी है.'
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यही कारण है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी नोटबंदी के खिलाफ बोलते हैं. अनुराग ठाकुर ने कहा, 'गिनती अभी भी जारी है, जबकि गिनती की मशीनें खराब हो गई हैं, अधिकारी थक गए हैं, और उन बेहिसाब नकदी को रखने के लिए बैग की कमी है, लेकिन स्टोरेज कम नहीं हो रहा है. कांग्रेस, भ्रष्टाचार और नकदी पर्यायवाची हैं.'
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि यह कांग्रेस सांसद किसका एटीएम है. मोहब्बत की दुकान में यह भ्रष्टाचार कैसे चल रहा है? बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस पैसे के खुलासे पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.