JNU की पहली महिला वाइस चांसलर बनीं Santishree Pandit, पढ़ें कौन हैं वह

| Updated: Feb 07, 2022, 01:26 PM IST

JNU Vice-Chancellor Santishree Pandit

शांतिश्री धुलीपुड़ी हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल जैसी छह भाषाएं जानती हैं और कन्‍नड़, मलयालम और कोंकणी भी समझ लेती हैं.

डीएनए हिंदी: पुणे यून‍िवर्सिटी की Prof. Santishree Dhulipudi Pandit को JNU का नया Vice Chancellor  नियुक्‍त किया गया है. वह जेएनयू की पहली महिला वीसी (First Women VC Of JNU) हैं. फिलहाल इस पद की कमान संभाल रहे वीसी जगदीश कुमार ने कहा कि वह 7 फरवरी को ही चार्ज प्रफेसर पंडित को सौंप देंगे. पुणे यूनिवर्सिटी में पॉलिटिक्‍स और पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन पढ़ाने वाली प्रफेसर पंडित की शुरुआती पढ़ाई मद्रास (अब चेन्‍नै) में हुई. उन्होंने जेएनयू से एम.फिल किया जिसमें वह टॉप रही थीं फिर उन्होंने यहीं से पीएचडी भी की. 1996 में उन्‍होंने स्‍वीडन की उप्‍पसला यूनविर्सिटी से डॉक्‍टोरल डिप्‍लोमा हासिल किया. वह हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल जैसी छह भाषाएं जानती हैं और कन्‍नड़, मलयालम और कोंकणी भी समझ लेती हैं.

प्रफेसर पंडित के पिता सिविल सर्विसिज में थे और मां लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) ओरियंटल फैकल्‍टी डिपार्टमेंट में तमिल और तेलुगू की प्रफेसर थीं. टीचिंग में 34 साल से ज्‍यादा का अनुभव रखने वाली प्रफेसर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने पुणे यूनिवर्सिटी के अलावा गोवा यूनिवर्सिटी, ओस्‍मानिया यूनिवर्सिटी, रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, मद्रास यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया है. इसके अलावा वह केंद्र सरकार की कई अहम समितियों में भी शामिल रही हैं. अंतराष्‍ट्रीय विषयों पर बेहतरीन पकड़ रखने वाली प्रफेसर ने कई रिसर्च प्रॉजेक्‍ट्स में अहम भूमिका निभाई है. दुनिया के कई नामी संस्‍थानों में उनकी फेलोशिप है. राष्‍ट्रीय-अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उन्‍हें कई सम्‍मानों से भी नवाजा जा चुका है.

इसके अलावा प्रफेसर पंडित ने कई बुकलेट्स तैयार की हैं. कई किताबों में उनके चैप्‍टर्स हैं. प्रोफेसर पंडित ने भारत और दुनिया के राजनीतिक परिदृश्‍यों पर कई रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं जिनका ब्‍योरा पुणे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद उनके सीवी में है.

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