Bihar विधान परिषद चुनाव में RJD ने कांग्रेस को दरकिनार किया

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 20, 2022, 09:36 PM IST

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RJD की राज्य इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शनिवार को दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की.

डीएनए हिंदी: बिहार में विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद द्वारा दो और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ प्रदेश में विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन में शामिल रही कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के समझौते की संभावना का लगभग पटाक्षेप हो गया है.

RJD की राज्य इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शनिवार को दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी ने एक सप्ताह पहले 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी और कहा था कि एक सीट वाम दलों के लिए छोड़ रही है. काफी समय से खाली पड़ी बिहार विधान परिषद की दो दर्जन इन सीटों के लिए मार्च या अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है.

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RJD ने बिहार विधान परिषद की 24 में से बाकी बची दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा चारा घोटाला के एक मामले में अदालत के निर्णय को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के समर्थन में टिप्पणी करने के एक दिन के बाद की.

उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी ठहराया था. अदालत के निर्णय के तीन दिन बाद प्रियंका ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद यादव, भाजपा के राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं.

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लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव ने तुरंत ‘‘धन्यवाद’’ के साथ प्रियंका की ट्वीट का जवाब दिया था. प्रियंका के ट्वीट पर तेजस्वी की प्रतिक्रिया के बाद राजद के रुख में नरमी को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थीं.

राजद और कांग्रेस के बीच संबंध दो दशक पुराने रहे हैं और लालू प्रसाद यादव की पार्टी के नेता यह अकसर दोहराते रहते हैं कि उनके नेता सोनिया गांधी के समर्थन में उस समय सामने आए थे जब उन्हें अपने विदेशी मूल के कारण कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा था.

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राजद और कांग्रेस ने वामदलों भाकपा, माकपा और भाकपा माले के साथ मिलकर 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक महागठबंधन बनाया था. पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 110 सीटें जीती थीं जो बहुमत से महज 12 सीटें कम थीं. इसके लिए काफी हद तक कांग्रेस को दोषी ठहराया गया था जिसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन केवल 19 सीटें ही जीत सकी थी.

चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस पर आरोप लगा था कि विधानसभा चुनाव में उसके बुरे प्रदर्शन के कारण विपक्षी महागठबंधन बहुमत के आंकडे को हासिल करने से पिछड़ गया. कांग्रेस पर उसके सहयोगी दलों ने आरोप लगाया था कि उसके स्टार प्रचारकों में शामिल प्रियंका गांधी ने बिहार में बिलकुल भी प्रचार नहीं किया जबकि राहुल गांधी ने केवल आधा दर्जन रैलियों के लिए समय निकाला जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजग के उम्मीदवारों के लिए कहीं अधिक चुनावी सभाएं कीं.

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बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए पिछले साल अक्टूबर में हुए उपचुनाव के समय विपक्षी दलों के महागठबंधन का नेतृत्व कर रही राजद के एकतरफा उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने के बाद कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी, इसके साथ ही राजद से अलग हो गई थी. बिहार विधानसभा की उक्त दोनों सीटों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने आसानी से जीत हासिल कर ली थी.

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