कनाडा के पीएम ने फिर उगला जहर, विदेश मंत्रालय बोला- पहले भारत विरोधियों पर कार्रवाई करो

कुलदीप पंवार | Updated:Dec 21, 2023, 07:47 PM IST

India Canada Relations

India Canada Relations: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लगातार खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन करते हुए भारत विरोधी मोर्चा खोल रहे हैं. भारत ने इसे ही लेकर चेतावनी दे दी है.

डीएनए हिंदी: India Canada Latest News- भारत ने एक बार फिर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justine Trudeau) को चेतावनी दी है, जिन्होंने फिर से भारत विरोधी मोर्चा खोलते हुए खालिस्तानी आतंकियों का समर्थन किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर ट्रूडो को सपाट जवाब दिया है कि अपने देश में स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग करने वालों पर एक्शन लो. दरअसल ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की कोशिश वाले मामले का जिक्र करते हुए भारत पर निशाना साधा है. ट्रूडो ने कहा कि भारत के सुर बदल गए हैं. उसका रुख थोड़ा नरम है. ऐसा लग रहा है कि अमेरिका ने नरेंद्र मोदी सरकार के सुर बदल दिए हैं. ट्रूडो के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कमेंट करने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन दूसरी तरफ से कनाडा को दबे शब्दों में चेतावनी भी दे दी है कि जब तक वह अपने यहां भारत विरोधी लोगों पर एक्शन नहीं लेगा, तब तक संबंधों में कोई सुधार नहीं होने जा रहा है.

विदेश मंत्रालय ने भारत-कनाडा संबंधों को लेकर कही है ये बात

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के साथ मुख्य मुद्दा उसके यहां आतंकियों और भारत विरोधी गतिविधियों को मिलने वाला स्थान है. इसे लेकर हमारी पोजीशन स्थिर है. हमें आशा है कि वे (जस्टिन ट्रूडो) अपने देश में स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ एक्शन लेंगे.

ट्रूडो ने यह कहकर साधा था भारत पर निशाना

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर यह कहकर निशाना साधा कि उन्हें लगता है अमेरिका के भारत को चेतावनी देने के बाद कनाडा के साथ उसके संबंध थोड़े नरम हुए हैं. भारत के सुर भी अब बदले हुए हैं. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की कोशिश का जिक्र किया. ट्रूडो ने कहा कि इस मामले से ओटावा और नई दिल्ली के संबंधों में भारी बदलाव आया है. ट्रूडो ने कहा, मुझे लगता है कि इससे एक समझ की शुरुआत हुई है कि वे इसके जरिए अपना रास्ता नहीं बदल सकते हैं. शायद वे (भारत) पहले कम खुले हुए थे, लेकिन इससे सहयोग करने के लिए एक खुलापन सामने आया है. ट्रूडो ने इंटरव्यू में एक बार फिर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिक्र किया था. ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा फिलहाल भारत से इस मुद्दे पर लड़ना नहीं चाहता है. इसके बजाय कनाडा ने व्यापार समझौते और इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाने पर काम करने की तैयारी की है.

कनाडा नहीं दे पाया है भारत को कोई सबूत

ट्रूडो ने इंटरव्यू में भारत के साथ निज्जर की हत्या को लेकर हुई तकरार को लेकर कहा, कनाडा की मूलभूत बात लोगों के अधिकारों, सुरक्षा व कानून के शासन के लिए खड़ा होना है और हमने यही किया है. हालांकि ओटावा (कनाडा की राजधानी) अब तक ट्रूडो की तरफ से भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने को लेकर लगाए आरोपों के समर्थन में कोई भी 'ठोस सबूत' दिखाने में नाकाम रही है. इसके उलट अमेरिका ने गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की साजिश में भारतीयों के शामिल होने के सबूत दिए हैं, जिसके बाद नई दिल्ली ने उसकी सुरक्षा चिंताओं पर गौर करते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई है.

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