मध्य प्रदेश में फिर सियासी घमासान, कमलनाथ का सिंधिया पर तंज- इतनी बड़ी तोप थे तो चुनाव क्यों हारे?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 20, 2023, 05:33 PM IST

कमलनाथ ने किया OPS का वादा

कमलनाथ ने कहा कि हमारा मुकाबला भाजपा के संगठन से है, इसलिए कांग्रेस के संगठन को मजबूत होना होगा. अब पहले जैसा चुनाव नहीं होता.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच एक बार फिर सियासी घमासान छिड़ता नजर आ रहे हैं. कमलनाथ ने शुक्रवार को बीजेपी नेता पर तंज कसते हुए कहा कि हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है. अगर वह इतनी बड़ी तोप थे तो चुनाव क्यों हारे? कमलनाथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ पहुंचे थे. जहां उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एकजुट होने की नसीहत दी.

कमलनाथ से जब पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, 'हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है, सिंधिया कोई तोप नहीं, अगर तोप थे तो ग्वालियर और मुरैना महापौर चुनाव क्यों हारे?' उन्होंने कहा कि हमारा मुकाबला भाजपा के संगठन से है, इसलिए कांग्रेस के संगठन को मजबूत होना होगा. अब पहले जैसा चुनाव नहीं होता. चुनाव की परिभाषा बदल गई है. हमें इस बदलाव के साथ चलना है इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ वन-टू-वन चर्चा करने आया हूं.

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सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा, ' शिवराज सरकार अपने 18 साल का हिसाब दे. मैं अपनी सरकार के 15 महा का हिसाब देने के लिए तैयार हूं. बुंदेलखंड आदिवासी बाहुल्य इलाका पिछड़ा हुआ है. यहां विकास की बहुत जरूरत है. यहां किसान परेशान है. सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा. पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. लोग पलायन कर रहे हैं.

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सिंधिया ने 2020 में छोड़ा था कांग्रेस का 'हाथ'
बता दें कि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी. इससे पहले सिंधिया ने साल 2018 के विधासनभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम रोल अदा किया था और मध्य प्रदेश की सत्ता में 15 साल बाद वापसी कराई थी. लेकिन महज 15 महीने में राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस की सरकार चली गई.

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