Kangana Ranaut के चुनाव को चुनौती, हिमाचल हाई कोर्ट ने दिया नोटिस, बताया है ये कारण

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jul 25, 2024, 08:38 AM IST

Kangana Ranaut ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से चुनाव जीता है. उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे व राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हराकर तहलका मचाया है.

Himachal Pradesh News: बॉलीवुड क्वीन से भाजपा सांसद बनीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की लोकसभा सदस्यता को कानूनी चुनौती दी गई है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में दाखिल एक याचिका के बाद कंगना रनौत को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है. दरअसल, कंगना रनौत के निर्वाचन को किन्नौर जिले के एक व्यक्ति ने चुनौती दी है, जिसका कहना है कि कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उसके द्वारा भरा गया नामांकन पत्र गलत तरीके से खारिज किया गया था. बता दें कि कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव जीता है. हाई कोर्ट की जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने कंगना रनौत को 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. 

दिग्गज नेता को हराकर सांसद बनी हैं कंगना)

कंगना रनौत ने मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस कैंडीडेट विक्रमादित्य सिंह को 74,755 वोट से हराकर चुनाव जीता है. विक्रमादित्य सिंह को 4,62,267 वोट मिले, जबकि कंगना ने 5,37,002 वोटर्स का समर्थन हासिल किया था. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के दिग्गज नेता हैं. उनके दिवंगत पिता वीरभद्र सिंह कई बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे, जबकि उनकी मां कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं. इसके बावजूद कंगना ने विक्रमादित्य को हराकर तहलका मचा दिया था.

वन विभाग के रिटायर कर्मचारी ने दाखिल की है याचिका

कंगना रनौत के निर्वाचन को लायक राम नेगी ने चुनौती दी है, जिनका कहना है कि उनके नामांकन पत्र को निर्वाचन अधिकारी के तौर पर मंडी के डिप्टी कमिश्नर ने गलत तरीके से खारिज किया था. वन विभाग के रिटायर कर्मचारी नेगी ने डिप्टी कमिश्नर को भी इस केस में पार्टी बनाया है. 

VRS लेकर भरा था चुनाव के लिए नामांकन पत्र

याचिकाकर्ता नेगी का कहना है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया था और अपने नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन अधिकारी के सामने विभाग की तरफ से दिया गया 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' भी पेश किया था. हालांकि उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभाग का No Dues Certificate जमा कराने के लिए एक दिन का समय दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने ये दस्तावेज जमा कराए तो निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें लेने से इंकार करते हुए उनका नामांकन खारिज कर दिया. नेगी का कहना है कि यदि उन्हें चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता तो वे शायद जीत सकते थे, इसलिए कंगना का निर्वाचन रद्द करके उन्हें दोबारा चुनाव में उतरने का मौका दिया जाए.

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