डीएनए हिंदी: कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में बुलडोजर एक्शन के दौरान मां-बेटी की मौत के मामले में विवादित बयानों का दौर थम नहीं रहा है. इस मामले में अब प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला (Pratibha Shukla) के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने शर्मनाक बयान देकर आग में घी डालने का काम किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की गई. औरतों के अंदर आग लगाने की टेंडेंसी होती है. उन्होंने सोचा होगा कि आग लगाएंगे प्रशासन डरकर भाग जाएगा.
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने तथ्यों की छानबीन किए बगैर कानून के मुताबिक काम नहीं किया, बल्कि वोट बैंक साधने के लिए ड्यूटी का पालन कर रहे भोले भाले लोगों को जेल भेजा जा रहा है, जबकि गलत काम करने वालों को मुआवजा दिया जा रहा है. राज्य मंत्री के पति यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि मां-बेटी ने सुसाइड किया है. उन्होंने अवैध कब्जा कर रखा था और गलत काम करते थे. उसके बाद खुद ही खुदकुशी कर ली.
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13 फरवरी की हुई थी घटना
बता दें कि 13 फरवरी को कानपुर देहात के मंडौली गांव में पुलिस और प्रशासन की अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी. जिसके बाद राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. तमाम राजनीतिक दल पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं. पीड़ित परिवार ने पहले तो अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. उनकी मांग थी कि सीएम योगी यहां खुद आएं और उनकी कुछ मांगों को पूरी करें.
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ऐसे में मरने वाली मां-बेटी की पोस्टमार्टम के दौरान उत्तर प्रदेश में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति अनिल शुक्ला मॉर्चरी हाउस पहुंचे थे. इस दौरान अनिल शुक्ला की पीड़ित परिवार के साथ खड़े लोगों के साथ हाथापाई और गाली गलौज हो गई थी.
कौन हैं अनिल शुक्ला वारसी?
अनिल शुक्ला वारसी पूर्व सांसद हैं. उन्होंने 2007 में बसपा के टिकट पर यूपी की बिल्हौर लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता था. लेकिन 2014 में वह बसपा से टिकट से ही चुनाव हार गए थे. वारसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ला मौजूदा योगी सरकार में महिला कल्याण मंत्री हैं.
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