Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों, ढाबों और ठेलों पर नेमप्लेट लगाने को लेकर विवाद चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह विवाद थमा है तो अब नया हंगामा खड़ा हो गया है. उत्तराखंड के हरिद्वार में जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra) मार्ग पर सभी मस्जिदों और मीनारों को सफेद कपड़े से ढकवा दिया. यह काम शुक्रवार को किया गया. हालांकि जब इसका विरोध शुरू हो गया तो आनन-फानन में ये सफेद पर्दे हटवा दिए गए. अब उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने इसे लेकर सफाई दी है. उनका कहना है कि मस्जिदों के पास से कांवड़ियों के गुजरते के कारण माहौल खराब ना हो और शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके चलते यह काम किया गया था. इसके पीछे किसी की धार्मिक भावना को आहत करने का मकसद नहीं है.
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इन दो जगह लगा दिए गए थे सफेद पर्दे
कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई से हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद हरिद्वार के ज्वालापुर में ऊंचा पुल के पास भूरे शाह मजार और इस्लामनगर की मस्जिद को सफेद परदे लगाकर ढक दिया गया था. स्थानीय लोगों में इसे लेकर रोष बना हुआ था. उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा सदियों से चल रही है, लेकिन कभी भी मस्जिदों को इस तरह से नहीं ढका गया. यह जानबूझकर परेशान करने की कोशिश है.
जिलाधिकारी बोले- यह हमने नहीं किया
News24 की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिदों पर लगे सफेद पर्दों को लेकर जब हरिद्वार के जिलाधिकारी धीरज सिंह से पूछा गया तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने ऐसा कोई काम नहीं कराया है. यह काम किसने किया है, इसकी जांच की जाएगी. इसके बाद शुक्रवार दोपहर को अचानक कुछ लोग मस्जिद और मजार से सफेद पर्दे हटाते नजर आए. पूछने पर उन्होंने खुद को जिले के कर्मचारी बताया है.
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मंत्री ने कही ये बात
उत्तराखंड सरकार के मंत्री सतपाल महाराज से जब मस्जिदों को ढंके जाने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने इसे सही ठहराया. उन्होंने कहा,'यह कदम मस्जिदों के पास से कांवड़ियों के गुजरते समय किसी तरह की उत्तेजना या उकसावे की स्थिति ना बने और शांति व्यवस्था को नुकसान ना हो, इसलिए उठाया गया है. यात्रा को सुचारू रूप से चलाने और माहौल बढ़िया बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है. उधर, कांग्रेस, सपा और बसपा ने इस कदम का विरोध किया है.
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