Karauli Baba New Controversy: डेढ़ लाख में कराया हवन, दोनों यजमान लापता, बेटा मिला पर पिता दो महीने बाद भी गायब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 23, 2023, 03:46 PM IST

Karauli Sarkar Ashram (File Photo)

Karauli Ashram: कानपुर का करौली आश्रम लगातार विवाद में घिर रहा है. दो महीने से मामला दबाए बैठी पुलिस ने अब जांच शुरू कर दी है.

डीएनए हिंदी: Karauli Baba News- उत्तर प्रदेश के कानपुर का करौली बाबा एक और नए विवाद में फंस गया है. कानपुर के बिधनू में करौली आश्रम में हवन कराने के लिए झारखंड से आए बाप-बेटे गायब हो गए. डेढ़ लाख रुपये लेकर हवन कराया गया, लेकिन इसके अगले दिन बेटा गायब हुआ और एक दिन बाद पिता भी आश्रम से लापता हो गया. बेटा कई दिन बाद आश्रम से दूर एक जगह मिल गया. पिता की दो महीने बाद भी कोई खबर नहीं है. परिवार ने आश्रम के खिलाफ शिकायत की, लेकिन कानपुर पुलिस मामला दबाकर बैठी रही. अब आश्रम के विवादों में फंसने पर कानपुर पुलिस ने इस मामले में भी जांच शुरू कर दी है. 

बेटे की मानसिक बीमारी का इलाज कराने आया था परिवार

झारखंड के देवघर से एक परिवार का छोटा बेटा मानसिक रूप से कमजोर है. किसी ने उन्हें करौली बाबा संतोष सिंह भदौरिया (Karauli Sarkar Baba) के बारे में बताया. इस पर 24 जनवरी को वे बेटे का इलाज कराने के लिए करौली आश्रम पहुंच गए. आरोप है कि करौली बाबा ने उन्हें हवन कराने के लिए कहा, जिसका खर्च डेढ़ लाख रुपये बताया गया. परिवार ने हवन कराने पर सहमति जता दी तो डेढ़ लाख रुपये लेकर 25 जनवरी को हवन कराया गया. परिवार के मुताबिक, 26 जनवरी को बेटा अचानक आश्रम से लापता हो गया. उसकी तलाश के दौरान ही 27 जनवरी को परिवार के मुखिया यानी लड़के के पिता भी गायब हो गए. आश्रम ने दोनों की गुमशुदगी से अपना पल्ला झाड़ लिया.

10 दिन बाद मिला बेटा

परिजनों के मुताबिक, करीब 10 दिन की तलाश के बाद उन्हें लापता बेटा आश्रम से 150 किलोमीटर दूर एक गांव में मिल गया, लेकिन पिता की कोई खबर नहीं मिली, इस पर 9 फरवरी को बिधनू पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई करने से टालमटोल ही करती रही.

अब विवादों में फंसा आश्रम तो पुलिस भी एक्टिव

आश्रम के अब विवादों में फंसने के बाद पुलिस को अन्य मामले भी याद आने लगे हैं. इसके चलते गुमशुदगी के इस मामले में भी जांच शुरू कर दी गई है. मीडिया से बातचीत में कानपुल के संयुक्त पुलिस आयुक्त ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गुमशुदगी के मामले में सभी से पूछताछ चल रही है और जल्द ही पूरा मामला साफ हो जाएगा.

नोएडा के डॉक्टर ने कराया पिटवाने का मुकदमा दर्ज

करौली आश्रम का बाबा संतोष सिंह भदौरिया तब विवादों में फंस गया था, जब नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने उस पर पिटवाने का आरोप लगाया था. डॉक्टर चौधरी ने कहा था कि उन्होंने आश्रम में बाबा के भक्तों के सामने चमत्कार पर सवाल उठाए थे. इस पर सेवादार उन्हें बराबर में मौजूद कमरे में ले गए थे और वहां कड़े, डंडों व लोहे की रॉड आदि से पिटाई की थी. इससे उनके नाक की हड्डी टूट गई और सिर फट गया था. बाबा और डॉक्टर सिद्धार्थ के बीच की बहस के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. डॉक्टर सिद्धार्थ की शिकायत पर कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद बिधनू पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

पहले से मुकदमे दर्ज हैं बाबा के खिलाफ

करौली बाबा उर्फ डॉ. संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ हत्या से लेकर सेवन सीएलए तक के कई मामले दर्ज हो चुके हैं. ये सब मुकदमे साल 1992 से 1995 के बीच के हैं. आरोप है कि पुलिस से बचने के लिए उसने किसान नेता बनकर जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए थे. इसके बाद ही उसने आश्रम खोला था. करौली बाबा के खिलाफ 14 अगस्त 1994 को कानपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर NSA की भी कार्रवाई हो चुकी है. उसे 4 अगस्त, 1992 को फजलगंज थाना क्षेत्र में शास्त्रीनगर निवासी अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या करने में भी नामजद किया गया था. इस मामले में वह जेल में भी रहा था. कानपुर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक वेदपाल सिंह ने भी 7 अगस्त, 1994 को संतोष भदौरिया पर अपने साथियों के साथ मिलकर गाली-गलौच व मारपीट करने का मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद चकेरी थाने में भी उसके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज हो चुका है. 

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