Karnataka Muslim Reservation: BJP सरकार ने खत्म किया मुस्लिम आरक्षण, कांग्रेस बोली 'हम करेंगे बहाली'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 27, 2023, 05:46 PM IST

Muslim reservation abolished in Karnataka 

Basawraj Bommai Government ने मुस्लिम आरक्षण को खत्म किया जिस पर राज्य में चुनाव से पहले राजनीति गर्म हो गई है.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अब धीरे धीरे राजनीति शुरू हो चुकी है. इस बीच अब बीजेपी की बसवराज बोम्मई सरकार ने राज्य में मिलने वाले मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर दिया है. बसवराज बोम्मई सरकार ने बताया है कि राज्य में अब मुस्लिमों को मिलने वाला 4 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलेगा. बोम्मई सरकार ने इस आरक्षण को खत्म करके दो प्रमुख समुदायों, वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा में बांट दिया है. बीजेपी सरकार ने मुसलमानों को 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) श्रेणी में ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. बोम्मई सरकार ने चुनाव से ठीक पहले आरक्षण में बदलाव किया है जिस पर सियासत गर्म हो गई है. 

नए आरक्षण समीकरण के आधार पर अब वोक्कालिगा समुदाय को मिलने वाला आरक्षण 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6 प्रतिशत हो गया है. इसके अलावा पंचमसालियों, वीरशैवों और दूसरे लिंगायत श्रेणियों के लिए कोटा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत हो गया है. वहीं मुस्लिम समुदाय को अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत आरक्षण मिलेगा. इस कैटेगरी में मुस्लिमों को ब्राह्मणों, वैश्यों, मुदालियर, जैन, और दूसरे समुदाय के साथ 10 प्रतिशत ईडब्लूएस कोटे के लिए होगा.

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क्या बोले राज्य के मुख्यमंत्री 

बता दें कि कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय की आबादी 12 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि मुस्लिम जातियों के सबसे पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू रहेगा. जानकारी के मुताबिक ओल्ड मैसूर या साउथ कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय का वर्चस्व है. इनकी पूरे राज्य में आबादी में 15 प्रतिशत है. ये आबादी मांड्या, हासन, मैसूर, तुमकुर, कोलार और चिक्काबल्लापुर जिलों में ज्यादा है. मांड्या में 50 प्रतिशत ज्यादा वोक्कालिगा हैं. 

सीएम बोम्मई कहा है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों  (मुसलमानों ) के लिए भी आर्थिक स्थितियां तय हैं. जब मुसलमान उस कैटेगरी में जाएंगे तो उनके पास भी आर्थिक मानदंड होंगे. अब मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में सिर्फ 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में रिजर्वेशन प्रतिशत 50 तय किया था,लेकिन नए नियमों के मुताबिक राज्य में आरक्षण की सीमा 56 प्रतिशत हो गई है. कर्नाटक सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्वेशन 15 प्रतिशत बढ़ाकर 17 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्वेशन बढ़ाकर 3 प्रतिशत से 7 प्रतिशत कर दिया है.

कांग्रेस बोली हम करेंगे आरक्षण की बहाली

राज्य में मुस्लिम आरक्षण करने को लेकर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने बीजेपी के इसे असंवैधानिक करार दिया गया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण को संपत्ति की तरह बांटा जा सकता है लेकिन यह अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार है और बीजेपी सरकार उसे खत्म किया है. डीके शिवकुमार ने दावा किया है कि उनकी सरकार बनने के राज्य सरकार के इस फैसले को बर्खास्त किया है. 

डीके शिवकुमार ने कहा है कि वोकालिंगा और लिंगायत दोनों ही समुदाय इस आरक्षण को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.  उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहले 45 दिन के अंदर इस फैसले को बर्खास्त करते हुए पुरानी व्यवस्था कर दी जाएगी. 

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जेडीएस ने भी जाहिर की आपत्ति

जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने कहा कि मुसलमानों को मिलने वाला आरक्षण राज्य की पुलिस की तरफ से पेश किए गए एक आंकड़े पर दिया गया. बासवराज बोम्मई सरकार के हालिया लिए फैसले से देवगौड़ा के बेटे और जेडीएस के शीर्ष नेता एचडी कुमारस्वामी ने नाराजगी जताई थी. एचडी कुमारस्वामी ने ये कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार हर मुद्दे पर राजनीति करने पर आमादा है. उन्होंने  कैबिनेट की बैठक के दौरान आरक्षण के नाम पर खतरनाक खेल खेला है. 

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