कर्नाटक (Karnataka) के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मंदिरों पर टैक्स लगाने वाले बिल को वापस सरकार के पास लौटा दिया है. राज्यपाल ने बिल पर सरकार का स्पष्टीकरण मांगा है.
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के इस विधेयक में 10 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले मंदिरों से धन जमा करने के प्रावधान तय किए गए हैं.
राज्यपाल ने सवाल उठाया है कि पुराने अधिनियम और उसमें किए गए संशोधन से संबंधित एक मामला अभी भी उच्चतम न्यायालय में लंबित है.
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राज्यपाल ने सरकार से क्या पूछा है?
कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 को 29 फरवरी को विधायिका के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है.
उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि क्या मामले के लंबित रहने के दौरान संशोधन किया जा सकता है, जब पूरे अधिनियम को हाई कोर्ट ने पहले ही रद्द कर दिया हो और सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई अंतिम चरण में हो.
राज्यपाल ने उठाए कई अहम सवाल
राज्यपाल ने पूछा है कि क्या राज्य सरकार ने इस विधेयक के समान अन्य धर्मस्थलों को शामिल करने के लिए किसी कानून की परिकल्पना की है.
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राजभवन ने कहा है, 'स्पष्टीकरण के साथ फाइल को फिर से जमा करने के निर्देश के साथ राज्य सरकार को वापस भेजने का निर्देश दिया गया है.'
क्या है कर्नाटक सरकार का जवाब?
कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा है कि राज्यपाल ने कुछ स्पष्टीकरण मांगा है और सरकार द्वारा स्पष्टीकरण भेजा जाएगा. (इनपुट: भाषा)
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