डीएनए हिंदी: Karnataka CM Race- कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी संकट खत्म नहीं हो रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया में से एक का नाम राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद के लिए तय नहीं हो सका है. इसके लिए मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जब माथापच्ची कर रहे थे, उसी दौरान बंगलूरू में एक और दावेदार खड़ा हो गया. कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर ने राज्य में दलित मुख्यमंत्री की मांग उठाते हुए अपना दावा ठोक दिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने हाई कमान को संकेतों में धमकी देते हुए कहा, मैं भी 50 विधायक जोड़कर सीएम बनने के लिए शोरगुल कर सकता हूं, लेकिन मेरे लिए पार्टी का अनुशासन अहम है. यदि पार्टी हाई कमान मुझे यह (सीएम पद की) जिम्मेदारी लेने को कहता है तो मैं इसके लिए तैयार हूं.
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समर्थकों के धरने के बाद आया बयान
कर्नाटक के तुमकुरु में परमेश्वर समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना दिया है. समर्थकों ने परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है. इसके बाद जब परमेश्वर से इस बारे में मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने राज्य में दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई. साथ ही कहा, यदि पार्टी हाई कमान मुझे सरकार चलाने के लिए कहता है तो मैं इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार हूं.
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'मैंने यह नहीं कहा कि हाई कमान जिम्मेदारी देगा तो नहीं लूंगा'
परमेश्वर ने मीडिया से बातचीत में कहा, मैं भी करीब 50 विधायकों का समर्थन जुटा सकता हूं. इसके बाद शोरगुल कर सकता हूं, लेकिन पार्टी अनुशासन मेरे लिए सबसे ऊपर है. यदि मेरे जैसे लोग भी ऐसा करेंगे तो पार्टी में अनुशासन नहीं रहेगा. मुझे पार्टी हाई कमान पर यकीन है और मेरे कुछ निश्चित सिद्धांत हैं. उन्होंने साथ ही कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पार्टी हाई कमान मुझे जिम्मेदारी (मुख्यमंत्री पद की) देगा तो मैं इसे नहीं लूंगा.
'हाई कमान जानता है मेरा काम, मुझे लामबंदी की जरूरत नहीं'
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, मैंने पार्टी के लिए जो काम किया है, वो हाई कमान जानता है. मैंने 8 साल पार्टी की सेवा (पीसीसी अध्यक्ष के तौर पर) सेवा की और साल 2013 में पार्टी को सत्ता दिलाई. मैंने फिर डिप्टी सीएम बनकर भी सेवा की है. मैं चुप हूं, क्योंकि वे सब जानते हैं और मुझे किसी पद के लिए लामबंदी की जरूरत नहीं है. चुप रहना सक्षम होना नहीं है. मुझे जिम्मेदारी मिलेगी तो निभाऊंगा.
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