पूर्व CM की टिकट काटी, पूर्व डिप्टी सीएम ने छोड़ दी BJP, क्या कर्नाटक में अपनों से हार जाएगी बीजेपी?

| Updated: Apr 12, 2023, 12:31 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा. (तस्वीर-PTI)

कर्नाटक में BJP के लिए सबसे बड़ी चुनौती, बागी नेता हैं. कई समुदायों को साथ जोड़ने में जुटी बीजेपी कई जगह फंस गई है.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए सबसे बड़ी चुनौती, बीजेपी के बागी नेता ही बन गए हैं. कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधान परिषद सदस्य से भी इस्तीफा दे दिया है. लक्ष्मण अथानी विधानसभा से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने किसी और को टिकट दे दिया.

लक्ष्मण सावदी ने कहा, 'मैंने अपना फैसला कर लिया है. मैं भीख का कटोरा लेकर घूमने वालों में से नहीं हूं. मैं एक स्वाभिमानी राजनेता हूं. मैं किसी के बहकावे में आकर काम नहीं कर रहा हूं.' 

बागियों को रिझाने में जुटी कांग्रेस

BJP से नाराज होने वाले सिर्फ लक्ष्मण सावदी ही नहीं हैं, बल्कि कई दिग्गज पार्टी से नाराज चल रहे हैं. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस बीजेपी के बागियों को पार्टी में मिलाने की कोशिश कर रही है. अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि लक्ष्मण सावदी कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं. बीजेपी के बागियों को कांग्रेस लपक रही है.

बागी बढ़ाएंगे बीजेपी की मुश्किलें 

साल 2019 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन को गिराने में शामिल रहे महेश कुमातल्ली को बीजेपी ने टिकट दिया है. बीजेपी ने मंगलवार को कुल 224 में से 189 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की और सूची में 52 नए चेहरे शामिल हैं. अब जिन नेताओं को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है, वही बीजेपी की चुनौतियां बढ़ा रहे हैं. 

दलबदलुओं पर मेहरबान बीजेपी

अधिकांश विधायक जो दलबदल कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनका टिकट बीजेपी ने बरकरार रखा है. जिन विधायकों का टिकट काटा गया है, उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला किया है. पार्टी ने अभी तक शिवमोग्गा और हुबली-धारवाड़ सेंट्रल के लिए टिकटों की घोषणा नहीं की है, इन सीटों का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा और जगदीश शेट्टार करते हैं.

किन नेताओं पर रहम दिखाएगी बीजेपी?

पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं. उन्होंने अपील की थी कि विधानसभा चुनाव में टिकट न दिया जाए, वहींपूर्व मुख्यमंत्री शेट्टार ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें रास्ता बनाने के लिए कहा था. कई नेता कह रहे हैं कि वह बीजेपी से आखिरी बार चुनाव लड़ना चाहते हैं. 

बीजेपी के कितने बागी जो बढ़ा रहे हैं मुश्किलें?

बीजेपी ने मंत्री अंगारा का टिकट काट दिया है.वहीं उनके कैबिनेट के ज्यादातर सहयोगियों को हरी झंडी मिल गई है. सात विधायकों के टिकट बीजेपी ने काट दिए हैं. कापू विधानसभा सीट से लालाजी आर मेंडन, उडुपी से रघुपति भट, बेलगावी से अनिल एस बेनाके, पुत्तुरु विधानसभा से संजीव मातंदूर, रामादुर्गा से महादेवप्पा शिवलिंगप्पा यादवाद, शिरहट्टी से रमन्ना लमानी और गोलीहट्टी से डी शेखर का टिकट पार्टी ने काट दिया है.

पार्टी ने अभी तक 35 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 13 अप्रैल से शुरू होगी, चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल है. विधानसभा की कुल 224 सीटों में से 150 सीटों पर टिकटों का ऐलान किया गया है.