Karnataka: शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या के बाद भारी तनाव, स्कूल-कॉलेज बंद

| Updated: Feb 21, 2022, 11:37 AM IST

Karnataka Tension in the area due to the murder of Bajrang Dal worker in Shivamogga

23 साल के हर्षा ने हाल ही में अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी. 

डीएनए हिंदीः कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab Row) के बीच बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या के मामले ने तूल पकड़ ली है. देर रात शिवमोगा शहर (Shivamogga) में युवक की हत्या के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है. इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. हालात को देखते हुए स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं. इस हत्या को हिजाब विवाद से भी जोड़ा जा रहा था, लेकिन राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने फिलहाल इससे इनकार किया है. हालांकि 23 साल के हर्षा ने हाल ही में अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी. 

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, '4-5 युवकों के समूह ने एक 26 साल के युवक की हत्या कर दी. मुझे नहीं पता कि इस हत्या के पीछे किसी संगठन का हाथ है. फिलहाल शिवमोगा में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए एहतियात के तौर पर शहर के सभी स्कूल और कॉलेज को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः Russia-Ukraine Crisis : रूस और यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध तो कैसे प्रभावित होगा भारत?

मंत्री ईश्वरप्पा ने डीके शिवकुमार को घेरा
हिजाब विवाद के बीच चर्चा में रहे मंत्री ईश्वरप्पा का भी इस मर्डर पर बयान आया है. उन्होंने विशेष धर्म समुदाय के लोगों पर यह मर्डर करने का आरोप लगाया है. ईश्वरप्पा ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के भड़काने पर यह हिंसा हुई, क्योंकि उन्होंने कहा था कि तिरंगा हटाकर, भगवा लहराया गया है.

क्या है मामला?
कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से स्कूलों में ड्रेस को लेकर विवाद हो रहा है. सरकार ने ड्रेस को लेकर एक फैसला किया जिसके बाद विवाद शुरू हुआ. जनवरी में उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं. इसके बाद कुछ छात्र भगवा पहनकर इसका विरोध करने लगे. इसी के बाद से पूरा मामला बढ़ता गया.   

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें