'मोर पंख के लिए मस्जिद पर मार पाओगे छापा?' कर्नाटक के भाजपा विधायक ने क्यों दी वन विभाग को चुनौती

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 26, 2023, 08:56 PM IST

Karnataka के भाजपा विधायक Arvind Bellad (File Photo)

Karnataka News: कर्नाटक के राज्यसभा सांसद और एक्टर जग्गेश के घर में वन विभाग ने छापेमारी की है. इसे लेकर विवाद चल रह है, जिसमें भाजपा विधायक अरविंद बेल्लाड ने वन विभाग को मस्जिदों में छापा मारने की हिम्मत दिखाने को कहा है.

डीएनए हिंदी: Latest News in Hindi- कर्नाटक में राज्यसभा सांसद व एक्टर जग्गेश के घर में वन विभाग की छापेमारी से शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेल्लाड ने वन विभाग के चुनौती दी है कि मस्जिदों और दरगाहों में धार्मिक कामों के लिए मोर पंख का इस्तेमाल होता है, क्या वन विभाग वहां इस बात के लिए छापा मार सकता है? अरविंद बेल्लाड ने यह चुनौती इसलिए दी है, क्योंकि वन विभाग ने राज्यसभा सांसद जग्गेश के घर में छापा मारने और उन्हें नोटिस जारी करने का कारण वह फोटो बताया है, जिसमें वह बाघ के पंजे का पेंडेंट पहने हुए नजर आए थे. यह पेंडेंट जग्गेश ने एक लाइव टीवी इंटरव्यू में पहना था, जिसे देखकर वन विभाग की टीम छापा मारने के लिए पहुंच गई. हालांकि भाजपा ने इसे कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस द्वारा सरकारी अमले का राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए दुरुपयोग बताकर हंगामा खड़ा कर दिया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर भी भड़के भाजपा विधायक

भाजपा विधायक अरविंद बेल्लाड ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर भी निशाना साधा है. उन्होंने सिद्धरमैया से इस बात का जवाब देने की मांग की है कि जग्गेश के घर में छापे मारे गए हैं, लेकिन मस्जिदों और दरगाहों पर यह कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. बेल्लाड ने कहा, बाघ के नाखून पुराने समय से अच्छे शगुन के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं. मैं सिद्धरमैया जी से पूछना चाहूंगा कि यदि राज्य सभा सांसद जग्गेश के खिलाफ शिकायत दर्ज हो सकती है तो वे मस्जिदों और दरगाहों में मोर के पंखों के इस्तेमाल पर चुप क्यों बैठे हुए हैं? 

मस्जिदों में मोर पंखों से ही आशीर्वाद लेते हैं कर्नाटक सीएम

बेल्लाड ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर मस्जिदों में जाने को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा, सिद्धरमैया मस्जिदों में जाते हैं और इन्हीं मोर पंखों से आशीर्वाद लेते हैं. क्या वे देख नहीं सकते? मोर हमारा राष्ट्री पक्षी है. यह (मोरपंखों का इस्तेमाल) एक अपराध है और कानून के खिलाफ है. भाजपा विधायक ने इसके बाद एक बार फिर हर मस्जिद और दरगाह पर छापेमारी कराने और सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आग्रह किया.

क्या है बाघ के पंजे का विवाद

दरअसल बाघ के पंजे का विवाद (Tiger Claw Controversy) उस समय शुरू हुई थी, जब कन्नड़ बिग बॉस (Kannada Bigg Boss) में भाग ले रहे वार्थुर संतोष को बिग बॉस के घर से गिरफ्तार किया गया था. संतोष की गिरफ्तारी बाघ के पंजे से बना लॉकेट (Varthur Santosh Tiger Claw Locket) पहनने के लिए की गई थी. कर्नाटक वन विभाग की टीम ने 22 अक्टूबर को कन्नड़ बिग बॉस के घर में छापा मारा था और वार्थुर संतोष के पास मौजूद लॉकेट की जांच की थी. जांच में यह बाघ के असली पंजे से बना हुआ पाया गया था. इसके बाद वार्थुर संतोष को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

छापेमारी के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे हैं जग्गेश

बिग बॉस के जिस सेट से वार्थुर संतोष की गिरफ्तारी हुई है, वो राज्यसभा सांसद व एक्टर जग्गेश के घर में बना हुआ है. जग्गेश ने इस छापेमारी के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के छापे पर सवाल उठाए हैं. साथ ही इस कार्रवाई को गैरकानूनी घोषित करने की मांग हाई कोर्ट से की है. उनकी याचिका पर अभी सुनवाई होना बाकी है.

बाघ के पंजे को लेकर क्या कहता है कानून

वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 (Wildlife Protection Act of 1972) के तहत बाघ के नाखून को अपने पास रखना कानून के खिलाफ है. साथ ही इसे खरीदना या बेचना भी अपराध है. इस कानून के तहत बाघ, शेर, हिरण जैसे जंगली जानवरों का शिकार करना और उनके पंजे, खाल, सींग या अन्य कोई अंग अपने पास रखना या बेचना भी आपराधिक काम माना गया है, जिसके लिए सजा देने का प्रावधान है. 

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