डीएनए हिंदी: कांग्रेस सांसद (Congress) सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के खिलाफ शिकायत की है. कांग्रेस सांसद चाइनीज वीजा स्कैम में फंसे हैं. उनसे केंद्रीय एजेंसी ने पूछताछ की थी. उन्होंने सीबीआई की पूछताछ पर कहा कि यह पूरी तरह से संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग है.
कार्ति चिदंबरम ने कहा, 'केंद्रीय जांच एजेंसी अपने संवैधानिक विशेषाधिकारों का पूरी तरह से गलत इस्तेमाल कर रही है.'
समाचार एजेंसी ANI से हुई बातचीत में कार्ति चिदंबरम ने कहा, 'मैंने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी है. मैंने कहा है कि CBI अपने विशेषाधिकारों का गलत इस्तेमाल किया है. सीबीआई ने तलाशी के वक्त संसदीय कागजातों को जब्त कर लिया है जो आईटी समिति से संबंधित हैं. ये गोपनीय कागजात लेने का अधिकार किसी को नहीं हैं.'
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क्या हैं कार्ति चिदंबरम पर आरोप?
कार्ति चिदंबरम साल 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने के मामले में घिर गए हैं. उन पर कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है. शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन CBI के सामने वह पेश हुए थे. यह मामला तब का है जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.
क्या है पूरा मामला?
CBI ने कार्ति और अन्य कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई की FIR में कहा गया है कि यह मामला 263 चीनी कर्मियों को दोबारा वीजा जारी करने के लिए वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (TSPL) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कार्ति चिदंबरम और उनके करीबी एस भास्कररमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है.
दरअसल, TSPL पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी और ये 263 चीनी नागरिक उस परियोजना का हिस्सा थे. एजेंसी ने इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.
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FIR के मुताबिक, बिजली संयंत्र स्थापित करने का काम चीनी कंपनी कर रही थी और यह परियोजना तय अवधि से काफी पीछे चल रही थी. टीएसपीएल के एक अधिकारी ने चीनी कर्मचारियों के लिए दोबारा वीजा जारी करने के एवज में कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. हालांकि, कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने मामले को फर्जी और राजनीति प्रतिशोध का परिणाम करार दिया है. (PTI और ANI इनपुट के साथ)
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