डीएनए हिंदीः वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों का सर्वे किया जा रहा है. वाराणसी के सीनियर जज डिविजन के आदेश पर हो रहे इस सर्वे को लेकर सियासत भी जारी है. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सर्वे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे कानून का उल्लंघन बताया है. ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है.
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि सर्वे का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. कोर्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. इस आदेश से कोर्ट 1980-1990 के दशक की रथ यात्रा के हुए खून-खराबे और मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रही है.
शुक्रवार को ही भारी सुरक्षा के बीच सर्वे करने के लिए टीम यहां पहुंची थी. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से जमकर नारेबाजी की गई थी. सर्वे का काम आज यानि शनिवार को भी जारी रहेगा. आज काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में वीडियोग्राफी होनी है.
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क्या है मामला
दरअसल काशीविश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का केस 1991 से ही वाराणसी के स्थानीय अदालत में चल रहा हो. इसके साथ ही हाईकोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है. दूसरी तरफ मां श्रृंगार गौरी का केस महज साढ़े 7 महीने ही पुराना है. 18 अगस्त 2021 को वाराणसी की पांच महिलाओं ने बतौर वादी वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना दर्शन-पूजन की मांग सहित अन्य मांगों के साथ एक वाद दर्ज कराया था. इसी मामले में कोर्ट ने सर्वे कराने का आदेश दिया था. ईद के बाद कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई करके 10 मई के पहले तक रिपोर्ट मांगी है और सुनवाई की तारीख भी 10 मई नियत कर दी है.
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