Rift Valley Fever: जानवरों से इंसानों में तेजी से फैलता है ये वायरस, WHO ने दी चेतावनी

| Updated: Apr 13, 2022, 11:05 AM IST

Rift Valley Fever Virus: रिफ्ट फीवर मच्छरों द्वारा एक जानवरों के बीच फैलता है. इसे लेकर एक्सपर्ट्स ने कई खुलाने किए हैं. 

डीएनए हिंदीः कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रही है. जानवरों से इंसानों में फैलने वाले एक और वायरस को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. रिफ्ट वैली फीवर (RVF) वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. कश्मीर के रहने वाले एक वायरोलॉजिस्ट ने मानव कोशिकाओं में रिफ्ट वैली फीवर वायरस (Rift Valley Fever Virus) का पता लगाया है. 
 
प्रोटीन से जरिए मानव कोशिकाओं में पहुंचता है वायरस
डॉ सफदर गनी (Dr. Safder Ganaie) ने खुलासा किया है कि आरवीएफ वायरस एक प्रोटीन के जरिए मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है.  न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक डॉ गनी और उनकी टीम ने पाया कि रिफ्ट वैली फीवर (RVF) वायरस मानव कोशिकाओं में एक प्रोटीन के जरिए से प्रवेश करता है. डॉ गनी और उनकी टीम की इस खोज को हाल ही में जर्नल सेल में प्रकाशित किया गया था.  

यह भी पढ़ें- Boris Johnson लॉकडाउन नियम तोड़ कर रहे थे पार्टी, ब्रिटेन ने अपने ही प्रधानमंत्री पर ठोका जुर्माना 

इंसानों में भी फैल सकता है वायरस
रिसर्च के मुताबिक इस खोज से रिफ्ट वैली फीवर (RVF) के बढ़ने और उनकी गंभीरता को कम करने के इलाज में मदद मिल सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रिफ्ट वैली फीवर को एक प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में सूचीबद्ध किया है. यह वायरस पालतू जानवरों के बीच मच्छर से फैलता है. इसके बाद यह इंसानों में भी फैल जाता है. 
   
कौन हैं डॉ सफदर गनी?
रिफ्ट वैली फीवर को लेकर जो स्टडी सामने आई है उसे यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है. कश्मीर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री लेने वाले डॉ. सफदर भी शामिल हैं. वह इस स्टडी के प्रमुख लेखक हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका जाने से पहले उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की. डॉ गनी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास से वायरोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है.

यह भी पढ़ें: क्यों बढ़ने लगे हैं Covid के मामले, कितना खतरनाक होगा नया वेरिएंट?

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.