The Kashmir Files: कहां है असली बिट्टा कराटे, जिसने कश्मीर में किया था कत्ल-ए-आम

| Updated: Mar 16, 2022, 10:15 AM IST

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इस फिल्म में कश्मीर में 1990 में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के साथ दिल दहलाने वाले अत्याचार को पर्दे पर दिखाया गया है.

डीएनए हिंदी: कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाती Vivek Agnihotri की फिल्म The Kashmir Files को देशभर से बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. पीएम मोदी भी इस फिल्म की तारीफ कर चुके हैं. थिएटर्स खचाखच भरे हुए हैं और फिल्म देखकर लोगों की आंखें नम हैं. इस फिल्म को देखने वाले लोगों को कहना है कि कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को पर्दे पर देखना भी आसान नहीं है. 

सुर्खियों में बिट्टा कराटे का वो इंटरव्यू

इस फिल्म में कश्मीर में 1990 में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के साथ दिल दहलाने वाले अत्याचार को पर्दे पर दिखाया गया है. फिल्म में एक ऐसा इंटरव्यू भी है जिसके बारे में जानकर किसी की भी रूह कांप जाएगी. सच्ची कहानी को बयां करती इस फिल्म में बिट्टा कराटे (Bitta Karate) नाम के एक शख्स का इंटरव्यू है जिसकी चर्चा अब एक बार फिर चारों तरफ हो रही है. दरअसल फिल्म रिलीज होने के बाद इसी बिट्टा कराटे का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है. 

इस वीडियो में वह खुद कश्मीरी पंडितों के मर्डर करने की बात मानता है. बिट्टा कराटे कहता है कि उसने करीब 20 लोगों का कत्ल किया था जिनमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित थे. वीडियो में बिट्टा जब लोगों को मारने की बात करता है तो उसके चेहरे पर जरा भी दुख या पश्चाताप नहीं दिखता. वह कहता है कि उसे कत्ल करने का ऑर्डर मिलता था. अगर कहा जाता तो वह अपनी मां और भाई को भी मार देता. बिट्टा कराटे उर्फ फारूक अहमद डार आज के समय में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) का चेयरमैन है. साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कटारे राजनीति की दुनिया में उतर गया था. इंटरव्यू में बिट्टा कटारे ने नरसंहार को लेकर सारे आरोप कबूले थे लेकिन बाद में वह इनसे पलट गया.

कराटे ने खुद अपने राज खोले थे. कई हत्‍याओं का यह आरोपी बेल मिलने पर जेल से रिहा हो गया. दरअसल उसके खिलाफ तब ठोस सबूत नहीं मिल पाए थे. हालांकि उसने मीडिया को दिए गए इंटरव्‍यू में खुद हत्‍याओं और बाकी गुनाहों के बारे में बताया था. बिट्टा कराटे ने इंटरव्‍यू में स्‍वीकार किया था कि वह पाकिस्‍तान से 32 दिन की ट्रेनिंग लेकर आने के बाद आतंकी बना था. उसने बताया था कि वह जब केवल बीस साल का था तब स्‍थानीय प्रशासन से परेशान होकर आतंकी बनने का फैसला किया था.

साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कटारे राजनीति की दुनिया में उतर गया था. इंटरव्यू में बिट्टा कटारे ने नरसंहार को लेकर सारे आरोप कबूले थे लेकिन बाद में वह इनसे पलट गया. आज भी वो जम्मू कश्मीर में रहता है.

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