कश्मीर में कत्ल-ए-आम मचाने वाले Bitta Karate से शादी करने को परिवार से लड़ गई थी असबाह 

| Updated: Mar 20, 2022, 06:09 PM IST

bitta karate wife photo

साल 2011 में कराटे से निकाह के बाद एक अखबार से इंटरव्यू में असबाह ने कहा था, 'उनसे (बिट्टा कराटे) निकाह करना मेरे लिए फख्र की बात है.

डीएनए हिंदी: The Kashmir Files की रिलीज के बाद से बिट्टा कराटे का नाम भी चर्चा में आ गया. लोग इस किरदार के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट खंगाल रहे हैं. बिट्टा कराटे यानी फारूक अहमद डार ने तीन दशक पहले कश्‍मीर घाटी में आतंक फैलाने में अहम भूमिका निभाई थी. JKLF का एरिया कमांडर रहते हुए उसकी सरपरस्‍ती में आतंकवादियों ने हिंदुओं को निशाना बनाया था. बिट्टा ने सबसे पहले अपने दोस्त सतीश कुमार टिक्कू की हत्या से शुरुआत की और फिर एक-एक करके कई कश्मीरी पंडितों को मौत के हवाले कर दिया. जिस तरह कराटे का यह निर्मम हत्याकांड याद किया जाता है कुछ इसी तरह उसकी लव स्टोरी भी खूब सुर्खियों में रही है. कराटे की शादी कश्मीर प्रशासनिक सेवा (KAS) अधिकारी असबाह आरजूमंद से हुआ था.

साल 2011 में कराटे से निकाह के बाद एक अखबार से इंटरव्यू में असबाह ने कहा था, 'उनसे (बिट्टा कराटे) निकाह करना मेरे लिए फख्र की बात है. जब मेरे आसपास लोगों को पता चला कि मैं एक अलगाववादी से निकाह करने जा रही हूं तो शुरू में वो बड़े फिक्रमंद रहे पर मैंने उन्‍हें समझा लिया कि इसमें कुछ गलत नहीं.' उस वक्त असबाह KAS अधिकारी थीं और उन्हें नौकरी करते हुए दो साल हो चुके थे. आज जब 'द कश्‍मीर फाइल्‍स' की वजह से कराटे का नाम सुर्खियों में हैं तो असबाह भी एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं.

1990 में हुई थी कराटे की गिरफ्तारी

बिट्टा कराटे को 1990 में सुरक्षा बलों ने अरेस्‍ट कर लिया और करीब 16 साल वह जेल में रहा. साल 2006 में उसे सबूतों की कमी के चलते अदालत से जमानत मिली. रिहाई होने पर बिट्टा का जोरदार स्‍वागत हुआ. इसके बाग उसने राजनीति का रुख किया. वह पाकिस्‍तान से आतंकवादियों की फंडिंग का इंतजाम करने लगा. इसी वजह से नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उसपर शिकंजा कसा.

2008 में बिट्टा अपने एक दोस्‍त के घर गया था. यहीं असबाह और उसकी पहली मुलाकात हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब पांच महीनों के बाद बिट्टा ने असबाह के सामने प्‍यार का इजहार किया. पहले असबाह राजी नहीं हुईं लेकिन फिर उन्हें भी कराटे में दिलचस्पी हुई. डेढ़ साल के बाद दोनों ने शादी का फैसला किया. असबाह के परिवार को रिश्‍ता मंजूर नहीं था. वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी आतंकी रह चुके एक शख्स से निकाह करे लेकिन असबाह नहीं मानी. आखिरकार परिवार को झुकना पड़ा और 1 नवंबर 2011 को फारूक अहमद डार (बिट्टा कराटे) और असबाह आरजूमंद खान का निकाह हुआ.

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