डीएनए हिंदी: Srinagar News- पाकिस्तान बेहद अशांति और अस्थिरता के माहौल से गुजर रहा है. आम जनता सेना और सरकार के खिलाफ सड़कों पर हिंसक आंदोलन कर रही है. इसके बावजूद पाकिस्तान कश्मीर में अस्थिरता फैलाने के नापाक इरादे से बाज नहीं आ रहा है. लगातार हर वैश्विक मंच पर जम्मू-कश्मीर में जी20 बैठक के आयोजन का विरोध करने पर मुंह की खा चुके पाकिस्तान ने अब एक खतरनाक प्लानिंग तैयार की है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से आतंकियों ने 22 मई को होने जा रही जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेशी मेहमानों के होटल पर 26/11 मुंबई हमले जैसे अटैक की साजिश रची है. हालांकि भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों की सक्रियता से इस साजिश का खुलासा समय रहते ही हो गया है. इसके बावजूद सुरक्षा के लिहाज से गुलमर्ग में होने वाली कॉन्फ्रेंस के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव कर दिया गया है.
आतंकियों के मददगार ने किया है खुलासा
India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों की पकड़ में आए आतंकियों के एक मददगार ने इस साजिश का खुलासा किया है, जिसमें बताया गया है कि जी20 डेलीगेट्स जिस होटल में ठहरने वाले हैं, उस पर आतंकी हमला किया जाएगा. आतंकियों के इस 'ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW)' का नाम फारूक वानी है और वह पहले गुलमर्ग में एक मशहूर फाइव-स्टार होटल में ड्राइवर के तौर पर काम करता था. बारामुला के हैगाम सोपोर निवासी फारूक वानी के बारे में जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों ने उसे अप्रैल के अंत में हिरासत में लिया था और तभी से लगातार पूछताछ चल रही थी. फारूक आतंकी संगठनों के साथ OGW के तौर पर जुड़ा होने के साथ ही सीमापार बैठे ISI अधिकारियों के साथ भी सीधे कॉन्टेक्ट में था. पूछताछ के दौरान उसके साजिश का खुलासा करने के बाद जी20 आयोजन स्थल के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
क्या बताया है पूछताछ में वानी ने
वानी ने बताया कि आतंकियों की योजना होटल में घुसने और वहां मौजूद लोगों को निशाना बनाने की है. इनमें विदेशी मेहमान भी शामिल हैं. ठीक इसी अंदाज में आतंकियों ने साल 2008 के मुंबई हमले में ताज होटल में लोगों को गोली मारने के साथ ही उन्हें बंधक बनाने का भी काम किया था. सूत्रों के मुताबिक, वानी ने पूछताछ में बताया है कि आतंकियों ने कश्मीर में जी20 समिट के दौरान दो से तीन स्थानों पर हमला करने की तैयारी कर रखी है. इसी कारण कश्मीर में होने वाली हर हरकत पक CCTV कैमरों और ड्रोन विमानों से नजर रखी जा रही है. यह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था खासतौर पर श्रीनगर में ज्यादा सख्त की गई है.
कौन होते हैं OGW
OGW को दरअसल आप स्लीपर सेल भी कह सकते हैं. ये वे लोग होते हैं, जो पर्दे के पीछे रहकर आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट, कैश, शेल्टर और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराते हैं. इनकी मदद से ही कश्मीर घाटी में हिज्ब-उल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन अपनी गतिविधियां ऑपरेट करते हैं.
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