'किसानों के लिए खोल दो बॉर्डर, करने दो प्रदर्शन' पंजाब-हरियाणा HC ने दिया सड़क खुलवाने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jul 10, 2024, 01:25 PM IST

Kisan Andolan Updates: पंजाब-हरियाणा के किसान फरवरी महीने से अंबाला में शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए यह बॉर्डर सील किया गया था, जिसके बाद किसान वहीं पर डट गए थे.

Kisan Andolan Updates: पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने अंबाला के शंभू बॉर्डर पर फरवरी से धरना दे रहे किसानों की राह खोलने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि एक सप्ताह के अंदर शंभू बॉर्डर सील करने के लिए लगाई गई सारी बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता खोला जाए. हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि किसानों को प्रदर्शन करना है तो चिह्नित जगह पर करने दीजिए. रास्ते को हमेशा के लिए बंद नहीं रखा जा सकता है. हाई कोर्ट ने कहा है कि शंभू बॉर्डर खोलने के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब सरकार को भी पूरा सहयोग करना होगा. कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी हरियाणा और पंजाब, दोनों सरकारों की होगी. हाई कोर्ट ने यह आदेश एक वकील की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए हैं.

किसान की मौत की जांच करेगी SIT

पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों की झड़प के दौरान मारे गए किसान शुभकरण की मौत की जांच SIT से कराने का भी आदेश दिया है. पंजाब के भठिंडा जिले के रामपुरा फूल कस्बे के करीब बलोह गांव निवासी 22 वर्षीय शुभकरण की मौत फरवरी में सिर में चोट लगने के कारण हुई थी. किसानों का आरोप है कि पुलिस की लाठियों से लगी चोट से शुभकरण की मौत हुई है. हालांकि पुलिस यह दावा खारिज करती रही है. हाई कोर्ट ने अब इसकी जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है. हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि सतीश बालन के नेतृत्व में SIT का गठन किया जा रहा है.

किसानों के धरने से लोगों में भुखमरी होने का दिया था याचिका में तर्क

हाई कोर्ट ने यह फैसला एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की जनहित याचिका पर दिया था, जिन्होंने 5 महीने से नेशनल हाइवे 44 बंद होने के चलते छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-फड़ वालों के भुखमरी के करीब आने का दावा किया था. इस याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. इसी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट बेंच ने अब हाइवे खोलने का फैसला दिया है. याचिका में यह भी दावा किया गया था कि शंभू बॉर्डर बंद होने के चलते अंबाला-लुधियाना नेशनल हाइवे पर टोल वसूली बंद है, जिससे NHAI को भी 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. 

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