डीएनए हिंदी: अगर सूर्य मंदिर का जिक्र होता है तो हमें सबसे पहले कोर्णाक का सूर्य मंदिर याद आता है. क्या आप जानते हैं एक समय में कश्मीर का सूर्य मंदिर भी काफी मशहूर था. हाल ही में रिलीज हुई चर्चित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए एक बार फिर इस मंदिर का जिक्र सामने आया है.
इसका निर्माण कारकोट वंश के राजा ललितादित्य मुक्तापीड ने करवाया था. जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के पास यह मार्तंड मंदिर स्थित है. इसे 8वीं सदी के करीब भगवान सूर्य की उपासना के लिए बनाया गया था.सूर्य भगवान का एक नाम मार्तंड भी है. यही वजह है कि इसे मार्तंड मंदिर के नाम से जाना जाता है.
इस मंदिर का जिक्र कश्मीर के प्रसिद्ध कवि कल्हण की पुस्तक राजतरंगिणी में भी मिलता है.
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मंदिर को कर दिया गया ध्वस्त
बताया जाता है कि 15वीं सदी में इस मंदिर को ध्वस्त करने के लिए कश्मीर के मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मीरी ने असंख्य कोशिशें की. शाह मीरी को इस मंदिर को ध्वस्त करने में आसानी से सफलता नहीं मिली.कई साल बाद बार-बार हुए हमलों की वजह से यह मंदिर जर्जर स्थिति में पहुंच गया और अब इसके सिर्फ अवशेष ही बचे हैं.बताया जाता है कि एएसआई की तरफ से भी मंदिर को पुर्नस्थापित करने के कई प्रयास हुए, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हो नहीं पाया है.
यहां से दिखती थी पूरी कश्मीर घाटी
खास बात यह है कि मार्तंड मंदिर को एक पठार के शिखर पर बनाया गया था. कहा जाता है कि यहां से पूरी कश्मीर घाटी साफ देखी जा सकती थी. इस मंदिर के निर्माण में वर्गाकार चूना-पत्थर का इस्तेमाल हुआ था. मार्तंड सूर्य मंदिर को कश्मीरी वास्तु शैली का अद्भुत उदाहरण माना जाता है. इस मंदिर परिसर में 84 खंभे थे और इसका चबूतरा 220 फुट लंबे और 142 फुट चौड़ा बनाया गया था. बताया जाता है कि उस दौर में दूर-दूर से लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आया करते थे.
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