Kolkata Docter Rape Murder Case: 'हड़ताल से मरे 23 मरीज' बंगाल सरकार के दावे पर सुप्रीम कोर्ट बोला- दो दिन में काम पर लौटें डॉक्टर

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Sep 09, 2024, 02:27 PM IST

Supreme Court

Kolkata Docter Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की दरिंदगी से हत्या की जांच सीबीआई कर रही है. जांच की मौजूदा स्थिति पर सीबीआई ने रिपोर्ट दाखिल की है, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्पताल परिसर में भीड़ के हमले की जांच की प्रगति कोर्ट को बताई है.

Kolkata Docter Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप व हत्या की जांच की स्टेट्स रिपोर्ट सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अस्पताल परिसर में भीड़ के हमले की जांच की प्रगति के बारे में एक सीलबंद कवर में रिपोर्ट दाखिल की है. पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्पताल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर चिंता जताई है. राज्य सरकार ने इस हड़ताल के कारण अब तक 23 मरीजों की मौत होने का दावा किया है. कोर्ट ने मामले की FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार को लताड़ लगाई है. दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अगले सोमवार तक फिर से स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों को भी काम पर लौटने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई अब मंगलवार को होगी.

'दो दिन में ड्यूटी पर लौटें डॉक्टर, नहीं तो होगी कार्रवाई'

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की. चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की मौजूदगी वाली बेंच ने रिपोर्ट को पढ़ा. इसी दौरान सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों के काम पर न आने की वजह से अब तक 23 मरीज मर चुके हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा,'डॉक्टर ड्यूटी पर वापस लौटें. हम उन्हें मिलने वाली सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे. पुलिस डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हालात मुहैया कराए. पुलिस देखे कि डॉक्टरों के अलग-अलग ड्यूटी रूम हों, शौचालय की सुविधा हो और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. लेकिन डॉक्टरों को सबसे पहले काम पर लौटना चाहिए.' सीजेआई ने आगे कहा,'दो दिन का वक्त है. युवा डॉक्टर पहले काम पर लौटें. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. यदि वे काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर याद रखें कि उनका समाज के प्रति कर्तव्य बनता है.'

सीबीआई बोली- पश्चिम बंगाल सरकार क्या छुपाना चाहती है

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट सीबीआई को नहीं मिलने पर सवाल उठाए गए हैं. सीबीआई की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि हमें पश्चिम बंगाल सरकार की रिपोर्ट की कॉपी अब तक नहीं मिली है. आखिर बंगाल सरकार CBI से क्या छुपाना चाहती है? इस पर सिब्बल ने कहा कि हमने रिपोर्ट की कॉपी केवल कोर्ट में जमा की है.

CCTV फुटेज का मुद्दा भी उठा

CJI ने सिब्बल से पूछा कि क्या क्राइम सीन का पूरा CCTV फुटेज CBI को सौंपा गया है? CCTV फुटेज से आरोपी की एंट्री और एग्जिट का पता चलता है. इस पर सिब्बल ने सीबीआई को सौंप देने का दावा किया. इस पर SG मेहता ने सहमति जताते हुए कहा कि 27 मिनट की फुटेज मिली है, जिसे रिकंस्ट्रक्ट करना होगा.

'डॉक्टर की जींस और अंडरगारमेंट्स हटे हुए थे'
सुनवाई के दौरान एक वकील ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि शाम 6 बजे के बाद पोस्टमार्टम नहीं हो सकता है. मृतका का vaginal swabs भी 4 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित नहीं रखा गया है. पोस्टमार्टम करने वाले सारे डॉक्टर नॉर्थ बंगाल लॉबी के हैं. इस पर SG तुषार मेहता ने कहा,'फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चलता है कि पीड़ित लड़की की जीन्स और अंडरगारमेंट्स हटे हुए थे. लड़की सेमी न्यूड कंडीशन में थी और उसके शरीर पर चोट के निशान थे. पश्चिम बंगाल ने इसके सैंपल भेजे थे, लेकिन CBI ये सैंपल दोबारा जांच के लिए AIIMS की लैब में भेज रही है. ऐसे में ये अहम है कि sample कौन इकट्ठा कर रहा है. इस तरह के अपराध में पहले 5 घंटे बहुत अहमियत रखते हैं. उस वक्त जुटाए गए सबूत अहमियत रखते हैं. क्राइम सीन को सुरक्षित रखना होता है. हमारे लिए चैलेंज ही ये है कि सीबीआई की इस मामले में एंट्री 5 दिन बाद हुई है. 

कोर्ट ने मांगी सीबीआई से नई स्टेट्स रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने CBI को अपने पास मौजूद लीड के आधार पर जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है. सीजेआई ने कहा,' CBI अपने हिसाब से , अब तक की मिले सुराग के आधार पर जांच बढ़ाए. हम CBI जांच को लेकर अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. सीबीआई अगले सोमवार को दोबारा जांच की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करे.' साथ ही उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले मंगलवार की तारीख तय की है.

'FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी हुई'

सीजेआई ने हॉस्पिटल से प्रिंसिपल के घर की दूरी पूछी तो उन्हें SG तुषार मेहता ने बताया कि 15-20 मिनट का सफर है. इसके बाद सीजेआई ने कपिल सिब्बल से एक के बाद एक लगातार कई सवाल किए. उन्होंने पूछा-

  • सवाल- unnatural death का केस कब दर्ज हुआ?
  • सिब्बल- डेथ सर्टिफिकेट 1.47 पर जारी हुआ. इसके बाद 2.55 पर UD( unnatural death) केस की एंट्री हुई है. 
  • सवाल- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चालान गायब है. बिना चालान के पोस्टमार्टम हुआ है तो कुछ तो गड़बड़ है?
  • सिब्बल- चालान के बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है. इसका जवाब देने के लिए कुछ वक्त चाहिए.

इसके बाद सीजेआई ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को एक बार फिर मुकदमा देरी से दर्ज होने को लेकर लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी हुई है.

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