Kolkata Rape Murder Case: 'अपनी कमी छिपाने के लिए...' PM Modi को Mamata Banerjee के पत्र पर केंद्र का फैक्ट्स वाला पलटवार

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 31, 2024, 08:39 AM IST

Kolkata Doctor Rape Murder Case

Kolkata Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर छिड़े आंदोलन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखकर घेरने की कोशिश की थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उन्हें करारा जवाब दिया है.

Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस के कारण आंदोलनों से घिरीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की केंद्र सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करने की कोशिश फेल होती दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिखकर महिला अपराधों के लिए कठो कानून की मांग करने वाली ममता बनर्जी को केंद्र सरकार ने फैक्ट्स और डेटा के साथ ही करारा जवाब दिया है. केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को जवाबी पत्र लिखते हुए उन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी पर अपनी कमियों को छिपाने के लिए केंद्र पर सवाल उठाने की कोशिश का आरोप लगाया है.केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी से पूछा है कि उन्होंने मौजूदा कड़े नियमों और कानूनों को अपने यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए कितना कार्यान्वित किया है? रेप और बाल यौन अपराधों (POCSO) में न्याय देने का काम करने वाली 11 फास्ट ट्रैक कोर्ट आपने आज तक चालू क्यों नहीं की है? 

'केंद्रीय प्रावधान के बराबर फास्ट ट्रैक कोर्ट क्यों नहीं बनाए'

केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लिखे पत्र में कहा,'आपने अपने पत्र में पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक और स्पेशल पोक्सो कोर्ट को लेकर जो जानकारी दी है, उसे दुरुस्त करने के लिए यह पत्र है. कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTSC) मौजूद हैं, जो केंद्रीय प्रावधान के बराबर नहीं है. आपको यह जानकारी मेरे 25 अगस्त, 2024 के पत्र में भी दी गई है.

'राज्य सरकार को करनी होती है फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना'

केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी को याद दिलाया है कि जल्द न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना राज्य सरकार को करनी होती है. उन्होंने लिखा,'संबंधित हाई कोर्ट की सलाह पर फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के लिए फंडिंग राज्य सरकारें करती हैं. इनकी स्थापना महिलाओं, बच्चों, विकलांगों, एचआईवी-एड्स या अन्य घातक बीमारी से पीड़ित लोगों से जुड़े दीवानी केस, सीनियर सिटीजन से जुड़े केस और जघन्य अपराधों के अलावा 5 से ज्यादा लंबित भू-अधिग्रहण या संपत्ति-किराया विवादों के निपटारे जैसे मामलों के लिए होता है.'

'48600 महिला अपराध के केस लंबित, फिर भी 11 FTSC चालू क्यों नहीं?'

केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में लिखा,'पश्चिम बंगाल में 30 जून, 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से 81,141 केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में लंबित थे, जबकि ये फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) विशेष रूप से बलात्कार और POCSO ACT के मामले निपटाने के लिए समर्पित है. लंबित मामलों में रेप या पोक्सो के 48,600 केस हैं. फिर भी पश्चिम बंगाल सरकार ने 11 अतिरिक्त FTSC को चालू नहीं किया है. ये राज्य की जरूरत के हिसाब से रेप-पोक्सो, दोनों तरह के मामलों से निपटने वाले जॉइंट FTSC हो सकते हैं. आपने अपने पत्र में गलत तथ्य लगता है कि राज्य की FTSC चालू करने में हुई देरी की गलती छिपाने के लिए दिए हैं.'


ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में मांगा था कठोर कानून

ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को दो पत्र लिखे हैं. पहला पत्र 22 अगस्त को और दूसरा पत्र दो दिन पहले लिखा गया है. दोनों पत्र में ममता बनर्जी ने पूरे देश में रेप की घटनाएं बढ़ने का जिक्र करते हुए इनसे निपटने के लिए कठोर कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया है. दूसरे पत्र में ममता ने केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय से 25 अगस्त को मिले पत्र का जिक्र किया है और उसमें दिए जवाब को मामले की गंभीरता के लिहाज से नाकाफी बताया है. साथ ही केंद्र सरकार पर मामले की गंभीरता पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है. 

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